कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस की चल रही कार्रवाई को लेकर दवा विक्रेताओं में नाराजगी दिख रही है। रविवार को ऑक्सीमीटर का अधिक रुपए का वसूले जाने पर पुलिस की कार्रवाई और रेखा मेडिकल स्टोर के संचालक पर धारा 144 के तहत मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी के खिलाफ सोमवार को दवा दुकानदार लामबंद हो गए। प्रदर्शन शुरू कर दिया और दुकान बंद कर विरोध किया। इस दौरान लोग दवा के लिए काफी परेशान हुए।

लंका इंस्पेक्टर रविवार को बीएचयू गेट के सामने स्थित श्री कृष्णा मेडिकल स्टोर्स पर ऑक्सीमटीर लेने पहुंचे थे। उन्हे दुकानदार ने एक ऑक्सीमीटर 1400 रुपए का दिया। लंका इंस्पेक्टर ने ऑक्सीमीटर और बिल को ले लिया। दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर पल्स आक्सीमीटर बेचता पाया गया। पुलिस ने इस मामले में ड्रग विभाग और सीएमओ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा। सोमवार को लंका पुलिस रेखा मेडिकल स्टोर पर पहुंची। पुलिस ने कहा कि चार लोग क्यों हैं। धारा 144 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। इसके बाद दवा विक्रेता लामबंद हो गए। दवा विक्रेताओं ने अपनी दोपहर दो बजे दुकानें बंद कर दी। इसके बाद शाम छह बजे तक दुकानें बंद रही। हालांकि बाद में लोगों की समस्या को देखते हुए कुछ दुकानें खुल गई है।पुलिस पर परेशान करने का लगाया आरोप

दवा विक्रेताओं का आरोप रहा हैं कि इस महामारी के बीच हम लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर मरीजों की एक तरह से मदद करने में जुटे हैं। वहीं पुलिस बिना वजह परेशान कर रही है। दुकानदारों का आरोप यह भी रहा हैं कि जिस आक्सीमीटर की कीमत इंस्पेक्टर लंका ने 800 बताया हैं। वह 1200 में मिलता है। इस लिहाज 1400 रुपये में ग्राहकों को बेचा गया तो उसमें गलती क्या हैं। जान की बाजी लगाकर दुकान चलाने वाले 200 रुपये तो कमाई कर सकते ही हैं। दुकानदारों ने जिला प्रशासन से मांग की हैं कि पुलिस की तरफ से उत्पीड़न बन्द होना चाहिए।

मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 नहीं हो पाया लागू

देश में मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 बना है, लेकिन अभी लागू नहीं हुआ है। इससे मुनाफाखोर जमकर फायदा उठा रहे हैं। अस्पतालों की मिलीभगत से मनमाने दामों पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो या शार्टेज बताकर जरूरी दवाओं का अधिक दाम वसूलना, ड्रग विभाग मुनाफाखोरों के चक्रव्यहूह को तोड़ने में नाकाम साबित हुआ है। शिकायत मिलने पर कार्यवाही की खानापूरी तो हो जाती है, लेकिन यह इतनी सख्त नहीं होती कि मुनाफाखोर उससे नसीहत ले सकें।

नहीं होनी चाहिए कालाबाजारी

मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 बना जरूर है, लेकिन लागू न होने से आक्सीमीटर सहित इस तरह के डिवाइस फिलहाल मानीटरिंग की परिधि से बाहर है। मेडिकल डिवाइस की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए।

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