संवाददाता रणजीत जीनगर 

सिरोही : यात्रा के संयोजक मंछाराम माली एंजेल ब्रोकर ने बताया कि ग्रुप अध्यक्ष राजेश भाई के निर्देशन में समूह के 14 सदस्यों नैनाराम माली, मिठालाल माली, विक्रम प्रजापति, भोपाल सिंह, भैराराम माली, मिठालाल, प्रकाश भाई, वर्दीचन्द माली, पेपाराम,मगन माली, जीतू भाई गोयली, खुशवंत माली आदि ने गुरुशिखर से केदारनाथ, उतरज, बद्रीनाथ धाम के रास्ते उड़िया के पठार होते हुए ईशान भैरूजी सैर की चोटी पर रात्रि विश्राम अनंतर शेरगाँव के रास्ते वास्तानेश्वर में पैदल ट्रैक को पूर्ण किया | ग्रुप के दो साथी पर्वतारोही खुशवंत माली और राजेश परमार ने लगातार चार बार अरावली पर्वतमाला की दूसरी ऊँची चोटी 'सैर की चोटी'को फतह किया | यात्रावृतांतकार माली ने बताया कि यह एक धार्मिक यात्रा हैं जिसमें अनेक ऐतिहासिक पौराणिक धार्मिक देव स्थल हैं | आबूराज अरावली पर्वतमाला की अनुपम निधि हैं | कभी यहाँ अघोरी भी रहे | मेवाड में संघर्ष के दौरान महाराणा प्रताप ने यही आबूराज के जमकेश्वर् जी में अपना जीवन यापन किया | इसी राह पर हैं विशाल गुफा जो कभी महाराणा का शस्त्रागार रही | जिसमें महाराणा ने अस्त्र शास्त्रों को छिपाया था | साथ ही विपुल प्राकर्तिक संपदा | उत्तर और पूर्व के मेल को ईशान कहाँ जाता हैं | ईशान कोण में स्थित होने के कारण सैर की चोटी पर स्थित भैरू जी को इसी नाम से जगत ख्याति प्राप्त हैं | आबू गौड़ से हजारों जातरु जात जडुलो के लिए यहाँ धोक लगाते हैं | यहाँ वास्तानेश्वर महादेव व पुष्कर राज  के रास्ते भी पहुँचा जा सकता हैं | समूह के सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संदेश देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक का उन्मूलन किया | कचरा निस्तारण कर प्रकृति मित्र हेतु जातरुओ को प्रेरित किया |

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