जौनपुर। जन्म-जन्मांतर के विकार भागवत कथा सुनने से नष्ट होते हैं: आचार्य द्विवेदी 

बदलापुर,जौनपुर। भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं शुद्धिकरण होता है। प्रतिदिन हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या से प्रभु भक्ति के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। भागवत कथा सुनने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। 

कुशहा गांव में काली माता मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह कथा महायज्ञ में व्यास पीठ से बोलते हुए वाराणसी के प्रसिद्ध विद्वान आचार्य श्री राम सूरति द्विवेदी ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि यही एक ग्रंथ है जो पूरे विश्व को शांति और खुशहाली की राह पर ला सकता है। ज्ञातव्य है कि इसी गांव में पैदा हुए आचार्य द्विवेदी भारत के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी श्रीमद् भागवत की कथा सुन चुके हैं। अब तक करीब 1000 कथा सुना चुके आचार्य द्विवेदी सिर्फ मानव कल्याण और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कथा सुनाते हैं। उन्होंने कभी कथा को व्यावसायिक नहीं बनाया। हिंदी और संस्कृत के अलावा अंग्रेजी भाषा पर भी उनका प्रभुत्व साफ दिखाई देता है। एमए, एलएलबी आचार्य द्विवेदी दो-तीन वर्षों तक वकालत भी कर चुके हैं। अत्यंत सरल, विनम्र और शालीन आचार्य द्विवेदी पूरी तरह से सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। 15 दिसंबर से दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आरंभ कथा का समापन 21 दिसंबर को होगा।

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