राजकुमार गुप्ता
आगरा।। 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस - हमारे घर आंगन में चहकती फुदकती गौरैया का दिन हैं। विश्वभर में पिछले बारह वर्षों से गौरैया दिवस मनाया जा रहा है। आज गौरैया सिर्फ पुस्तकों, कविताओं में ही है। 

इस सन्दर्भ में आगरा स्मार्ट सिटी,भारत सरकार के सलाहकार सदस्य,भारतीय नमो संघ के जिलाअध्यक्ष, उ.प्र.अपराध निरोधक समिति लखनऊ के आगरा मंडल कमेटी के उपाध्यक्ष व हिन्दू जागरण मंच, ब्रज प्रान्त उ.प्र.के प्रदेश संयोजक तथा आत्मनिर्भर एक प्रयास के चेयरमैन एवं लोकप्रिय व सुप्रशिद्ध समाजसेवक राजेश खुराना ने इस अवसर पर समस्त पंछी प्रेमियों को विश्व गौरइया दिवस की बधाई देते हुये बताया कि आज विश्व गौरैया दिवस पर इनके संरक्षण के लिए चिंतन आवश्यक है। आज ही विश्व प्रसन्नता दिवस भी है। प्रभु सबको प्रसन्न्ता प्रदान करें। हमारे घर आंगन में चहकती फुदकती गौरैया का दिन हैं। विश्वभर में पिछले बारह वर्षों से गौरैया दिवस मनाया जा रहा है। आज गौरैया सिर्फ पुस्तकों, कविताओं में ही है। गौरैया के अस्तित्व पर छाए संकट के बादलों ने इसकी संख्या काफी कम कर दी है। घरों को अपनी चीं चीं से चहकाने वाली गौरैया अब दिखाई नहीं देती और कहीं कहीं तो अब यह बिल्कुल दिखाई नहीं देती। पहले यह चिड़िया जब अपने बच्चों को चुग्गा खिलाया करती थी, तो इंसानी बच्चे इसे बड़े कौतूहल से देखते थे। लेकिन अब तो इसके दर्शन भी मुश्किल हो गए हैं और यह विलुप्त हो रही प्रजातियों की सूची में आ गई है। गौरैया की आबादी में 60 से 80 फीसदी तक की कमी आई है। यदि इसके संरक्षण के उचित प्रयास नहीं किए गए तो हो सकता है कि गौरैया इतिहास की चीज बन जाए और भविष्य की पीढ़ियों को यह देखने को ही न मिले। गांव में यदि कभी कोई गौरैया दिख जाए तो बच्चे बड़े और सभी लोग झूम उठते हैं। अपने छोटे से आकार वाले खूबसूरत पक्षी चिड़िया गौरैया का कभी इंसान के घरों में बसेरा हुआ करता था और बच्चे बचपन से इसे देखते बड़े हुआ करते थे। अब स्थिति बदल गई है। इसी विचार के साथ अपनी बात को समाप्त करते हुए एक वार पुनः विश्व गौरइया दिवस की समस्त पंछी प्रेमियों को बधाई। आज विश्व गौरैया दिवस पर इनके संरक्षण के लिए चिंतन आवश्यक है। आज ही विश्व प्रसन्नता दिवस भी है। प्रभु सबको प्रसन्न्ता प्रदान करें।

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