राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।
वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित ठाकुरश्री राधिका वल्लभ लाल मन्दिर में रस भारती संस्थान के तत्वावधान में ब्रज के प्रख्यात संत किशोरी शरण "अलि" महाराज का 108 वां चार दिवसीय जन्म महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।सर्वप्रथम संत किशोरी शरण "अलि" महाराज के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।महोत्सव के अंतर्गत मंगल बधाई समाज गायन, श्रीराधा रस सुधानिधि, हित चतुरासी, स्फुटवाणी, सेवक वाणी, नाम संकीर्तन, श्रीजी का व्याहुला,  श्रीहित हरिवंश चन्द्रजू की जन्म बधाई (जन्मोत्सव), समाज गायन आदि के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।जिसमें रुपए,कपड़े मेवा-मिष्ठान, खेल-खिलौने एवं बर्तन आदि लुटाए गए।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए हिताश्रम के अध्यक्ष श्रीहित कमलदास महाराज ने कहा कि संत किशोरी शरण 'अलि' महाराज श्रीराधावल्लभ सम्प्रदाय के लिए पूर्ण समर्पित थे।महाराजश्री ने 100 से भी अधिक ग्रंथों की रचना की थी।उनके द्वारा रचित ग्रंथ "हिन्दी काव्य धारा में रस भक्ति और साहित्य" दो खण्डों में प्रकाशित है।जो कि अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है।इसमें श्रीराधावल्लभ सम्प्रदाय के सिद्धांतों, इतिहास, स्थलों, उत्सवों, परम्पराओं एवं हित कुल वंश आदि का वर्णन किया गया है।
रस भारती संस्थान के निदेशक डॉ. जयेश खंडेलवाल व डॉक्टर श्यामबिहारी खंडेलवाल ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव पूज्य संत किशोरी शरण 'अलि' महाराज श्रीराधावल्लभ सम्प्रदाय की बहुमूल्य विभूति थे।वे अपने सम्प्रदाय के संवर्द्धन व उन्नयन हेतु जीवनभर प्रयासरत रहे।इसके लिए उन्होंने "रस भारती संस्थान की स्थापना की थी।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व आचार्य विष्णु मोहन नागार्च ने कहा कि संत किशोरी शरण 'अलि' महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे।उन्होंने यहां साधनारत रहकर प्रिया-प्रियतम की निकुंज लीलाओं का दर्शन किया था।
महोत्सव में कृष्णा खंडेलवाल,हिताश्रम की सचिव साध्वी हितप्रिया किंकरी, गोवर्धनदास अग्रवाल,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,प्राचार्य ब्रजकिशोर त्रिपाठी, हरिवंश खंडेलवाल, पुरषोत्तम पुजारी, बृजबिहारी शर्मा, बिरजू महाराज, छैलबिहारी खंडेलवाल, दानबिहारी खंडेलवाल, मोहनश्याम दीक्षित, हितेश खंडेलवाल एवं एडवोकेट गोपाल खंडेलवाल आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने