वाराणसी के छावनी इलाके के दूर संचार विभाग के सीटीओ कंपाउंड में दूसरे के नाम और पते पर सिम जारी कराने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान सिद्धगिरि बाग निवासी रवि प्रसाद के तौर पर हुई है जो एमबीए पास है। पुलिस के मुताबिक उसके गिरोह में महाराष्ट्र और राजस्थान के युवक भी हैं। साइबर अपराधियों का यह गैंग लखनऊ के विकास नगर निवासी कारोबारी के खाते से लाखों उड़ाने वाले थे।

पूछताछ में गिरोह के कई सदस्यों के नाम समाने आए हैं। रवि प्रसाद ने कैंट पुलिस को बताया कि वह एक बड़ी कंपनी में काम करता था। कोरोना काल में नौकरी गई तो उसने दोस्तों के साथ एक गिरोह बनाया और साइबर ठगी करने लगा। वे लोग पैसे वालों को टार्गेट करते थे। उसके बाद उसके बैंक के खाते से जुड़ी जानकारियां जुटाते थे। फिर फर्जी दस्तावेज के जरिये शिकार का मोबाइल सिम बंद कराकर दूसरा सिम ईश्यू करा लेते। जिससे किसी भी ट्रांजेक्शन का ओटीपी उनके पास आता।रवि के मुताबिक लखनऊ के विकास नगर निवासी जिस व्यापारी का सिम लेने का प्रयास कर रहा था। उसके खाते में करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये हैं। रवि ने प्रार्थना पत्र देकर उसका सिम बंद कर दिया था। फर्जी आधार कार्ड के जरिये व्यापारी के नाम पर सिम ईश्यू कराने के ‌फिराक था। इस बीच शक होने पर दूर संचार अधिकारी अमित त्रिपाठी ने उसे पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक अगर सिम लेने में वह सफल हो जाता तो व्यापारी के खाते से बड़ी ठगी कर सकता था।

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