जलालपुर अंबेडकर नगर - मौलाना आज़ाद गर्ल्स इंटर कॉलेज जलालपुर के प्रबंधक समाजसेवी,मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी ने ईद उल अजहा की मुबारकबाद देते हुए समस्त देशवासियों एवं प्रदेश वासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुर्बानी करें इस मौके पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। ईद उल अजहा जिसका मतलब कुर्बानी की ईद है। इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहार है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने पुत्र हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया। जिनकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।ईद उल अजहा का अक्षरस: अर्थ त्याग वाली ईद है।इस दिन जानवर की कुर्बानी देना एक प्रकार की प्रतीकात्मक कुर्बानी है। मौलाना कासमी ने लोगों से कहा कि रास्ते और खुले मैदान में कुर्बानी ना करें जिससे किसी को कोई परेशानी ना हो। कुर्बानी के जानवर का खून रास्ते और सड़कों पर न डालें, कुर्बानी के जानवरों की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड ना करें। प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें।कुर्बानी करने के बाद उससे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को इधर-उधर ना फेंके बल्कि उसे नगर पालिका द्वारा खोदे गए गड्ढे में डाल कर दफन कर दें।सभी लोग अपने गली मोहल्ले में साफ-सफाई का भरपूर ख्याल रखें। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जिन प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी करने से मना किया है उन जानवरों की कतई कुर्बानी ना करें। हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग रहते हैं हमें एक दूसरे की आस्था एवं उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए करें कुर्बानी, ईद उल अजहा जिसका मतलब कुर्बानी की ईद_मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी
विकाश कुमार निषाद हिंदी संवाद
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