*दिव्यांगता एक चुनौती है अभिशाप नहीं : प्राचार्य अवनीश*
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज स्थित आईटीएम इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन विगत पांच वर्षों से विशेष शिक्षा के क्षेत्र में एक अपना अलग पहचान बनाता आ रहा है आईटीएम के विशेष शिक्षा संकाय के प्राचार्य अवनीश कुमार मिश्र ने बताया की वह ऐसे विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त किया हैं जिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति खुद ही दृष्टिबाधित होते हुए भी विश्व में अपना विशिष्ट जगह राम कथावाचक के रूप में बनाया है जिन के श्री चरणों में इस देश के उन दिव्यांग बालकों को शिक्षा ग्रहण करा कर समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का निरंतर प्रयास करते आ रहे भगवान के दुसरे स्वरूप श्री जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज जिन्होंने अपने जीवन काल में खुद बचपन से दृष्टिबाधित होते हुए भी व अनेका अनेक कठिन समस्याओं के बाद भी दिव्यांग बच्चों के लिए भगवान का दूसरा रूप माने जाते हैं उस जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट से शिक्षा प्राप्त कर श्री अवनीश ने बताया की विशेष शिक्षा के क्षेत्र में आई.टी.एम भी निरंतर प्रयास कर उन दिव्यांग बालक , बालिकाओं को व उनके परिवार को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है व संस्थान में ऐसे  दिव्यांग बच्चों का प्रतिवर्ष नामांकन किया जाता है जो आर्थिक रूप से असक्षम होने के बावजूद भी न्यूनतम फीस पर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास इकलौता गैर सरकारी शिक्षण संस्थान है
 श्री मिश्र ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए संस्थान के सचिव श्री विनय श्रीवास्तव जी का विशेष योगदान इन दिव्यांग बच्चों के प्रति रहता है संस्थान में ऐसे दिव्यांगजन जो दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित, के साथ साथ अल्पदृष्टि बाधित बच्चों को भी शिक्षा प्रदान कराने का कार्य करता है और ऐसे प्रशिक्षकों को तैयार कर समाज में उन दिव्यांग बच्चों को शिक्षा दे सके ऐसे शिक्षक का प्रशिक्षण कार्य करता है श्री मिश्र ने बताया कि शीघ्र ही आई.टी.एम इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन में विशेष शिक्षा के अन्य पाठ्यक्रम भी लाने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है जिससे कि समाज के उन दिव्यांग बालकों के साथ सामान्य बालकों को एक छत के नीचे पढ़ाने हेतु अच्छे विशेष शिक्षक तैयार कराया जा सकें।
उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज़ 
उत्तर प्रदेश

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