उतरौला (बलरामपुर)कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच 36 घंटे के लाकडाउन लगते ही कमला पसंद,रजनीगंधा, गोमती,विमल गुटखा बाजार से गायब हो गए हैं। लगता है उन्हें इस आपदा काल में अवसर की तलाश है।
       दो दिन के लिए लाकडाउन लगते ही पान मसाला एवं गुटखा तम्बाकू के थोक व्यापारियों ने जमाखोरी एवं कालाबाजारी करना शुरू कर दिया है थोक विक्रेताओं द्वारा गुटखा को गोदामों में डंप कर दिया गया है। गुटखा बेचने वाले छोटे दुकानदारों का कहना है कि 140से 150रुपये में बिकने वाला राजश्री,विमल,आज बड़े दुकानदारों द्वारा 200 से 250 रूपये में बेचा जा रहा है। अधिक दाम में बेचने के सवाल पर इनका रटा रटाया जवाब होता है ऊपर से ही अधिक कीमत में मिल रहा है तो मजबूरन हमें बढ़ाकर दाम लेना पड़ता है। दरअसल इन थोक व्यापारियों के मन में डर इसलिए नहीं है यह पुरानी व्यवस्था के चलते लेन-देन करके प्रशासनिक कार्रवाई से बचने की उम्मीद पाले रहते हैं।
 और काफी हद तक उसमें सफल भी हो जाते हैं आपदा में अवसर तलाश कर पान मसाला गुटखा जैसे वस्तुओं को दबाकर बेचने वालों पर कार्रवाई की आवश्यकता है।अब देखना यह है कि प्रशासन इन जमाखोरों पर क्या कार्रवाई करती है।
असगर अली
 उतरौला

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