बलरामपुर- जनपद में महिलाओं एवं बच्चों के पोषण स्तर को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष अभियान “प्रोजेक्ट संवर्धन” संचालित किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कुपोषण की रोकथाम एवं समुचित पोषण सुनिश्चित करते हुए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में गुणात्मक सुधार लाना है।
अभियान के संबंध में डीएम श्री विपिन कुमार जैन द्वारा प्रेस वार्ता की गई । उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत दिनांक 17 दिसंबर 2025 को जनपद के 300 पंचायत भवनों में वीएचएसएनडी (Village Health, Sanitation and Nutrition Day) सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इन सत्रों के दौरान सभी गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का नियमित एवं पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही बच्चों के वजन, लंबाई एवं अन्य शारीरिक मापदंडों की जांच कर उनके पोषण स्तर का आकलन किया जाएगा।
वीएचएसएनडी सत्रों में विशेष रूप से सैम (Severely Acute Malnutrition) एवं मैम (Moderate Acute Malnutrition) श्रेणी के बच्चों की पहचान (चिन्हांकन) की जाएगी, ताकि उन्हें शासन की निर्धारित पोषण एवं उपचार योजनाओं से आच्छादित कर कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सके। चिन्हित बच्चों को आवश्यकतानुसार पोषण परामर्श, चिकित्सकीय देखरेख एवं रेफरल सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस विभाग द्वारा आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण (सेंसिटाइजेशन) किया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी वीएचएसएनडी सत्रों में वजन मशीन, इन्फेंटोमीटर सहित आवश्यक माप उपकरणों की उपलब्धता रहे।
इसके अतिरिक्त, जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में वजन मशीन, इन्फेंटोमीटर आदि आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी द्वारा सभी ग्राम प्रधानों को पत्र प्रेषित करते हुए आवश्यक सहयोग प्रदान किए जाने की अपील की गई है, ताकि किसी भी स्तर पर संसाधनों की कमी न रहे और अभियान सुचारु रूप से संचालित हो सके।
इस अभियान का क्रियान्वयन जिला स्तरीय अधिकारियों के पर्यवेक्षण में किया जाएगा तथा स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के आपसी समन्वय से अभियान को प्रभावी एवं सफल बनाया जाएगा।
जिला प्रशासन द्वारा आमजन, विशेषकर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के अभिभावकों से अपील की गई है कि वे अपने नजदीकी पंचायत भवन में आयोजित वीएचएसएनडी सत्र में उपस्थित होकर इस विशेष अभियान का लाभ उठाएं और जनपद को कुपोषण मुक्त बनाने में सहयोग प्रदान करें।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गुप्ता द्वारा अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि सभी सत्रों की निगरानी 300 नामित अधिकारियों द्वारा की जाएगी, जो केवल पर्यवेक्षक नहीं बल्कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले सुविधाप्रदाता की भूमिका निभाएंगे। सत्र पंचायत भवनों पर आयोजित होंगे, जहां आवश्यक दवाएं, टीकाकरण, कोल्ड चेन एवं समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
VHSND सत्रों में आशा, एएनएम एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की अनिवार्य उपस्थिति के साथ स्पष्ट भूमिकाओं का निर्धारण किया गया है, जबकि ग्राम प्रधानों की सक्रिय सहभागिता से समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सभी बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं किशोरियों की पहचान कर उनकी स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पोषण परामर्श, SAM/MAM बच्चों की स्क्रीनिंग एवं आवश्यकतानुसार रेफरल किया जाएगा।
साथ ही पोषण एवं स्वच्छता पर व्यवहार परिवर्तन हेतु व्यावहारिक प्रदर्शन, परिवार नियोजन परामर्श तथा गर्भवती महिलाओं के लिए गोपनीय एएनसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सत्रों के उपरांत 48 घंटे के भीतर उच्च जोखिम वाले मामलों का अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला प्रशासन की यह कार्ययोजना VHSND सत्रों को प्रभावी, समन्वित एवं जन-केंद्रित बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।
इस दौरान मीडिया बंधु , मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, समस्त सीडीपीओ व अन्य संबंधित अधिकारी / कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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