उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद श्रावस्ती में 510 करोड़ रुपये लागत की 53 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 233 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 276 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 22 परियोजनाओं का शिलान्यास सम्मिलित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के 01 व मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार के 02 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति चेक तथा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के 05 लाभार्थी परिवारों को 05-05 लाख रुपये का चेक भी प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर जनपद श्रावस्ती में माता जानकी के वन के समय की इस पावन धरा और त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि के श्रीचरणों में नमन करने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। श्रावस्ती जनपद का महत्व पौराणिक काल से रहा है। भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने श्रावस्ती में राजधानी बसायी थी। जनपद श्रावस्ती भगवान बुद्ध की धरती है। यही वह स्थान है, जहां तथागत बुद्ध ने 24 चतुर्मास व्यतीत किए थे। भगवान बुद्ध की साधना से श्रावस्ती की धरती पवित्र हुई है। यह जैन धर्म के तीर्थंकरों की साधना और सिद्धि की धरा रही है। भगवान सम्भवनाथ जी इसी पावन धरा पर अवतरित हुए थे। महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रान्ताओं को धूल चटाने का कार्य भी इसी धरती से किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज से 2000 वर्ष पूर्व महाराज चन्द्रगुप्त मौर्य के समय श्रावस्ती भारत की आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु था। पाटलीपुत्र से तक्षशिला तक जाने वाला उत्तरपथ का महत्वपूर्ण केन्द्र श्रावस्ती हुआ करता था। ऐसे पौराणिक, ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद में आना अत्यन्त सौभाग्यशाली है। यहां के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जनपद श्रावस्ती के लिए स्वीकृत 510 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं का आज लोकार्पण एवं शिलान्यास सम्पन्न हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने 07 अक्टूबर को भगवान वाल्मीकि की जयन्ती पर प्रदेश में अवकाश की घोषणा करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि जयन्ती 07 अक्टूबर को पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक देव मन्दिर में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का अखण्ड पाठ कराया जाएगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद श्रावस्ती ने विकास के प्रतिमानों को आगे बढ़ाया है। उन्होंने यहां हो रहे विकास कार्यों को आज माता सीताद्वार मंदिर एवं महर्षि वाल्मीकि के पावन आश्रम में आकर देखा है। प्रधानमंत्री जी ने अयोध्या के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया है। महर्षि वाल्मीकि हमारी आस्था के प्रतीक हैं। संस्कृत का पहला मौलिक ग्रन्थ एवं दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य रामायण, महर्षि वाल्मीकि ने हम सभी को प्रदान किया है। यह ग्रन्थ हमारे कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रावस्ती स्थित जेतवन में भगवान बुद्ध ने अपनी साधना को आगे बढ़ाया था। जनपद श्रावस्ती में आज भी अंगुलीमाल स्तूप मौजूद है, जहां पर भगवान बुद्ध ने अंगुलीमाल को एक सभ्य मनुष्य बनाकर मानव कल्याण के मार्ग पर अग्रसर किया था। तीसरे तीर्थंकर भगवान सम्भवनाथ जी की पावन धरा एवं अनेक जैन तीर्थंकरों का पावन सान्निध्य भी श्रावस्ती को प्राप्त हुआ है। महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांता सालार मसूद को इसी श्रावस्ती की धरती पर धूल चटायी थी।
विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित उत्तर प्रदेश के लिए विकसित श्रावस्ती आज की आवश्यकता है। यहां लोकार्पित एवं शिलान्यास की गई परियोजनाएं शिक्षा, उच्च शिक्षा, सड़क, पशुधन एवं जीवन के विभिन्न आयामों से सम्बन्धित हैं। जनपद श्रावस्ती में एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में इस एयरपोर्ट के माध्यम से यहां देश और दुनिया से बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे, जिससे जनपद श्रावस्ती विकास के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण हेतु शेष 08 हेक्टेयर भूमि का भी व्यवस्था कर ली जाए, जिससे शीघ्र ही एयरपोर्ट का निर्माण हो सके। इससे जनपद श्रावस्ती बौद्ध पर्यटन का एक नया डेस्टिनेशन बनेगा। श्रावस्ती से अयोध्या होते हुए प्रयागराज के लिए एक 4-लेन सड़क की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ से बहराइच को 4-लेन से जोड़ा जा रहा है। इसको श्रावस्ती तक भी लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नये भारत का दर्शन हो रहा है। विकास और विरासत की एक नई आभा देश में देखने को मिल रही है। 500 वर्षों के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो गया। अयोध्या दुनिया की सबसे सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित हो रही है। इस बार पुनः दीपोत्सव का भव्य आयोजन अयोध्या में होने जा रहा है। भारतीय संस्कृति जितनी समृद्ध होगी, भारत उतना मजबूत होगा। लोक कल्याण एवं वैश्विक कल्याण उतना ही सशक्त होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महापुरुष किसी भी परम्परा में हों, उनका सम्मान होना चाहिए। आस्था अन्तःकरण का विषय है, प्रदर्शन का विषय नहीं हो सकता। सभी को सम्मान और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। आस्था के नाम पर अराजकता स्वीकार नहीं की जाएगी। पर्व-त्योहारों के समय माहौल खराब करने एवं व्यवधान करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। डबल इंजन सरकार विकास के कार्य कर रही है। आज यहां आयोजित कार्यक्रम में हर जाति एवं हर समुदाय के लोगों को बिना भेदभाव सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया है। यह नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है। नये उत्तर प्रदेश में सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के साथ कार्य कर रही है। साथ ही, उपद्रवियों एवं माफिया तत्वों के साथ सख्ती से निपट रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कैसरगंज के जिन क्षेत्रों में भेड़िये का आतंक है, अभी मैं वहीं से आया हूं। श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा एवं बहराइच जनपदों के जिन लोगों के पास आवास नहीं है, उनको सर्वे कार्य पूरा होने के बाद आवास उपलब्ध कराया जाएगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनको राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। जिनके पास उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनको आयुष्मान कार्ड या मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार विरासत का सम्मान करेगी, विकास करेगी और आपकी सुरक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। आने वाली पीढ़ी के लिए विकसित उत्तर प्रदेश एक नये अभियान के साथ आगे बढ़ा है। आगामी 22 वर्षों में हमें कैसा उत्तर प्रदेश चाहिए, उस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। विकसित उत्तर प्रदेश हेतु 12 सेक्टर तय किए गए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, रोजगार, कौशल मिशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, निवेश, शहरीकरण, पर्यटन, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, इन सभी को लेकर विकसित उत्तर प्रदेश अभियान को आगे बढ़ाया गया है। इससे सम्बन्धित साहित्य सभी ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दिवस उन्होंने ग्राम प्रधानों के साथ संवाद किया। विकास की सकारात्मक सोच के साथ हमारी ग्राम पंचायतें आगे बढ़ रही हैं। यदि ग्राम पंचायत व नगर पंचायत आत्मनिर्भर होगी, तो उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर होने से कोई रोक नहीं सकता। उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर होगा तो विकसित भी होगा। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आप सभी समर्थ पोर्टल पर क्यू0आर0 कोड को स्कैन कर अपने सुझाव भेज सकते हैं। अच्छे सुझावों को जनपद एवं प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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