बीएचयू के विज्ञान संस्थान के मालीक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन सिंह ने सोमवार को परिसर स्थित अपने आवास पर आग लगाकर जान दे दी। आग कितनी भयावह थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धुएं का निशान छतों पर हैं। पुलिस के अनुसार स्टोर रूम में रखी कॉपी किताबों को देखने के बाद कागजों को चिता की तरह सजाया हुआ नजर आ रहा था। यहां अधिक मात्रा में कागज होने की वजह से ही आग लगाने के बाद उसकी लपटें भी अधिक दिख रही थी। अब सभी की नजरें पुलिस की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
डॉ. किरन सिंह के भाई प्रशांत ने भी पिछले साल जनवरी में आत्महत्या कर ली थी। सिकरौल में रहने वाले प्रशांत ने कचहरी में निर्माणाधीन बिल्डिंग से गिरकर जान दे दी थी। इसके अलावा डॉ. किरन के पिता की भी मौत हो चुकी है। बड़ा भाई अमेरिका में इंजीनियर हैं। इधर बीएचयू में डॉ. किरन के आवास पर इस बात की चर्चा भी रही कि केवल भाई ही नहीं बल्कि पिता ने भी आत्मदाह कर लिया था।एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन के इस खौफनाक कदम को लेकर उनके विभाग के शिक्षकों के साथ ही जानने वाले लोग बहुत निराश हैं। बताया जा रहा है कि भाई की मौत पिछले साल जनवरी 2020 में ही हुई थी। दो भाई और एक बहन में छोटा भाई तो पहले चला गया था, पिता भी आरपीएफ में बड़े पद पर थे।
डॉ. किरन सिंह के भाई प्रशांत ने भी पिछले साल जनवरी में आत्महत्या कर ली थी। सिकरौल में रहने वाले प्रशांत ने कचहरी में निर्माणाधीन बिल्डिंग से गिरकर जान दे दी थी। इसके अलावा डॉ. किरन के पिता की भी मौत हो चुकी है। बड़ा भाई अमेरिका में इंजीनियर हैं। इधर बीएचयू में डॉ. किरन के आवास पर इस बात की चर्चा भी रही कि केवल भाई ही नहीं बल्कि पिता ने भी आत्मदाह कर लिया था।एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन के इस खौफनाक कदम को लेकर उनके विभाग के शिक्षकों के साथ ही जानने वाले लोग बहुत निराश हैं। बताया जा रहा है कि भाई की मौत पिछले साल जनवरी 2020 में ही हुई थी। दो भाई और एक बहन में छोटा भाई तो पहले चला गया था, पिता भी आरपीएफ में बड़े पद पर थे।
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