उतरौला (बलरामपुर) 
साढ़े चार करोड़ रुपयों से अधिक की लागत से बन कर 2016 से खड़े फायर स्टेशन के कार्यालय को शुरू कराने के लिए महकमा गंभीर नहीं है। अग्निकांड की घटनाओं पर जिला मुख्यालय से दमकल कर्मियों के आने तक आशियाना, खेती व गृहस्थी तबाह हो जाती है। तहसील क्षेत्र के 363 राजस्व गांव व नगर क्षेत्र में मार्च महीने से जून महीने तक अग्निकांड की घटनाएं होती रहती हैं। क्षेत्र के बदलपुर में अप्रैल 2015 में फायर स्टेशन की स्थापना के लिए 451.77 लाख रुपये आबंटित हुए थे। दिसंबर 2016 में कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य पूरा कर विभाग को हस्तांतरित कर दिया। तब से आज तक फायर स्टेशन को आबाद करने की चिंता न जनप्रतिनिधियों को हुई न प्रशासनिक अमले को ही। स्थिति यह है कि अग्निकांड की घटनाओं के समय जिला मुख्यालय पर सूचना देकर दमकल को बुलाया जाता है। वाहन आने के बाद पानी की तलाश मेंं काफी समय बीत जाता है। इस दौरान लोग कातर दृष्टि से अग्निशमन वाहन की विवशता देखते रह जाते हैं। फायर स्टेशन को शुरू कराने के बाद एक छोटा व एक बड़ा वाहन उपलब्ध हो जाएगा जो घटनाओं को रोकने में प्रभावी साबित हो सकता है। सूत्रों के अनुसार फायर स्टेशन भवन में 15प्रतिशत धन की कमी के चलते कार्य बाकी रह रह गया है।जिसे पूर्ण करने के लिए धन की शीघ्र आवश्यकता है।फायर स्टेशन भवन का निर्माण पूर्ण हो जाने पर आग से होने वाली घटनाओं पर काफी अंकुश लग सकता है।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी नागेन्द्र नाथ यादव का कहना है कि अग्नि शमन विभाग को शुरू करने के लिए प्रयास जारी है। प्रकरण उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। इसी सत्र में शुरू कराने की कोशिश की जाएगी।
असगर अली 
उटरौला

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