आगरा,राजकुमार गुप्ता ||विश्व की प्रथम किन्नर भागवत कथावाचक महामंडलेश्वर हिमांगी सखि माँ ने समाजसेवक राजेश खुराना के परिवार को आशीर्वाद दिया।

इस संदर्भ में संवाददाता वार्ता में स्मार्ट सिटी आगरा, भारत सरकार के सलाहकार सदस्य एवं आत्मनिर्भर एक प्रयास संस्था के चेयरमैन समाजसेवक श्री राजेश खुराना ने अपने वक्तव्य में कहा कि माँ विश्व की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हैं, जो श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करती हैं। अब तक माँ ने मारीशस, बैंकांक, सिंगापुर, हांगकांग सहित देश के 50 नगरों में श्रीमद् भागवत कथा कर चुकी हैं। वहीं, प्रयागराज में हुए कुंभ में पशुपति पीठ अखाड़े ने उन्हें महामंडलेवर की उपाधि दी गई थी। माँ का जन्म गुजरात के बड़ौदा में हुआ था। उनके पिताजी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर थे और उन्होंने राजकपूर के साथ काम किया था। माँ की प्रारंभिक शिक्षा में लोगों ने विरोध किया उन्हें पढ़ने नहीं दिया लेकिन माँ ने हार नहीं मानी और तमाम अबरोधों के बाद भी शिक्षा प्राप्त करती रहीं। किंतु पिताजी और माताजी का निधन हो जाने के बाद शिक्षा अधूरी रह गई। उसके बाद बहन की शादी कराई और जीविका चलाने के लिए फिल्मों में अभिनय भी किया। बाद में कृष्ण भगवान की ओर झुकाव बढ़ता गया और सब छोड़कर वृंदावन आ गई। यहां शास्त्रों का अध्ययन किया और अब वे प्रवचन, सत्संग और कथा में भगवत भक्ति की धारा प्रवाहित करती हैं। 

वहीं, अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए विश्व की प्रथम किन्नर भागवताचार्य महामंडलेश्वर हिमांगी सखी माँ ने बताया कि मानव जन्म अनमोल है। हमें आने वाली पीढ़ी को शास्त्रों के माध्यम से संदेश देना है,कि अपनी गरिमा को बनाए रखें। मनुष्य जन्म मिला है,तो इस जन्म को सार्थक करना है। यह जन्म आने वाली पीढ़ी और हमारे बच्चों के लिए समर्पित हैं। हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने के साथ सनातन धर्म का ज्ञान अवश्य दें, जब धर्म का ज्ञान होगा तो उनको जीवन जीने की कला अपने आप पता चल जाएगी, क्योंकि धर्म व शास्त्र बेहतर जीवन जीने की कला सिखाते हैं। प्रकृति माँ के दोहन से कोरोना महामारी आई हैं। इसलिए हमारी सभी से अपील हैं कि प्रकृति माँ का दोहन ना करें।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने