अयोध्या ....
शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी बने संत...
पुलिस के शीर्ष अधिकारियों में साहब से संत बनने की लालसा परिभाषित हो रही है और वे रामनगरी की ओर उन्मुख हैं। ताजा मामला बिहार के पुलिस महानिदेशक रहे गुप्तेश्वर पांडेय का है। उन्हें 2021 में रिटायर होना था, पर उन्होंने 2020 में ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके पीछे यह समीकरण स्थापित हुआ कि वे सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृह क्षेत्र बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। सेवानिवृत्ति लेने के बाद उन्होंने जदयू का दामन भी थामा जिसे बाद में उसे भी छोड़ दिया, उनका राजनीतिक सफर इतने पर ही रुक गया और अब वे संत बनने की राह पर चलते हुए नजर आ रहे हैं।
गत सप्ताह रामनगरी की यात्रा के दौरान पूर्व पुलिस महानिदेशक केवल भगवा में नजर आए, बल्कि उन्होंने रामकथा एवं कृष्णकथा पर केंद्रित अपने प्रवचन से भी श्रोताओं को प्रभावित किया। श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में 25 जुलाई से एक अगस्त तक भागवतकथा पर आधारित उनका प्रवचन भी प्रस्तावित है। ..और रामनगरी में प्रवास के दौरान जिस प्रवाह से उन्होंने अपनी आध्यात्मिक समझ और वक्तत्व की झलक प्रस्तुत की, उससे इंकार नहीं किया जा सकता कि वे अपनी नई पारी कामयाबी के साथ आगे बढ़ाएंगे। साहबी छोड़ संतत्व का दामन थामने वालों में आचार्य किशोर कुणाल गुप्तेश्वर पांडेय के पूर्व संस्करण हैं। वे भी आइपीएस अधिकारी थे और दो दशक पूर्व गुजरात में सहायक पुलिस महानिदेशक रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इसके बाद उन्होंने पटना एवं अयोध्या को केंद्र बनाकर धर्म-अध्यात्म के क्षितिज पर नई पारी की शुरुआत की और जल्दी ही उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।------++संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर++
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