कोरोना संक्रमण को मात देने में टीकाकरण का प्रभाव दिखने लगा है। महामारी से लड़ाई में शासन के आदेश-निर्देश को पालन कराने के लिए दिन-रात जूझने वाले पुलिसकर्मियों पर दूसरी लहर का अधिक असर नहीं रहा। इसके पीछे का कारण टीकाकरण बताया जा रहा है। पिछली बार की तुलना में इस बार पांच गुना से भी कम पुलिस के जवान संक्रमित हुए। पिछली बार तीन पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, जबकि इस बार दो जवान महामारी की भेंट चढ़े हैं।
पिछली बार वाराणसी में कुल 434 पुलिस के जवान संक्रमित हुए थे। सबसे पहले सिगरा के नगर निगम चौकी के 11 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए तो हड़कंप मच गया। इसके बाद जिले भर में हर थाना व पुलिस लाइन से जवान संक्रमित होते रहे, ठीक होते गये। इस साल अप्रैल से संक्रमण ने फिर जोर पकड़ा। इसदौरान वीवीआईपी दौरों और पंचायत चुनाव में भी पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी की। अधिक प्रभावी मानी जा रही दूसरी लहर की शुरुआत में ही तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक की पहल पर पुलिसकर्मियों का टीकाकरण शुरू कराया गया। इसका असर यह रहा कि अब तक महज 78 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए। इसमें 45 स्वस्थ होकर ड्यूटी कर रहे हैं।
संक्रमित जवानों की संख्या कम रही है लेकिन हर दिन एक-दो की संख्या में जवान संक्रमित मिलते रहे हैं। यह सिलसिला होली के बाद से शुरू हुआ। होली के बाद संक्रमण हावी होता गया। जिस तरह से जनपद के लोग इसकी चपेट में आते गये, उसी तरह पुलिस भी चपेट में आती गई।
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