नगर निगम में मंगलवार को विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक पार्षदों के बहिष्कार के चलते रद हो गई। बहिष्कार करने वालों में भाजपा समेत सभी दलों के पार्षद थे। पार्षदों का आरोप था कि बिना उनसे सत्यापन कराए ठेकेदारों को कार्यों का भुगतान कर दिया गया जो नगर आयुक्त गौरांग राठी के स्तर से पूर्व में हुए निर्णय की अवमानना है। पार्षदों ने अधिकारियों से वार्डवार किए गए भुगतान की सूची मांगी है।
नगर आयुक्त ने विभिन्न दलों के पार्षदों के साथ बैठक में निर्णय लिया था कि विकास कार्यों पर चर्चा के लिए हफ्ते में मंगल और गुरुवार को बैठक होगी। इसमें नगर आयुक्त या उनकी ओर से कोई न कोई अधिकारी मौजूद रहेगा। मंगलवार को अपर नगर आयुक्त डीडी वर्मा मौजूद थे।कार्यकारिणी सभागार में बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने ठेकेदारों को भुगतान का मुद्दा उठा दिया। उनके सवाल का मुख्य अभियंता एके सिंह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पार्षदों ने कहा कि जब एक नवंबर-2020 को नगर आयुक्त ने इस संबंधम में स्पष्ट आदेश भी जारी किया था तब भुगतान क्यों हुआ। माकूल जवाब न मिलने पर पार्षद नाराज हो गए और निगम प्रशासन पर ठेकेदारों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए बैठक कक्ष से बाहर आ गए। बाहर आधा घंटा तक नारेबाजी हुई।
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