औरैया // सदर तहसील की सात सदस्यीय जांच टीम ने वैसुंधरा ग्राम पंचायत में फर्जी पट्टों के पकड़े गए फर्जीवाड़े में प्रशासन एक्शन मोड में है। 150 करोड़ रुपये खुले बाजार में कीमत वाली इस जमीन को लेकर मुगालते में रह रहे भ्रष्टाचारियाें पर जिला प्रशासन सख्त हो चुका है। जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने भी कहा है कि दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट भी होगी और उनसे रिकवरी भी की जाएगी, साल 1987-88 में जोत चकबंदी आकार पत्र 45 में फर्जी तरीके से आख्या दर्ज करा 25 लोगों ने 37.56 एकड़ बेशकीमती जमीन आवंटित हुई। नौ लोगों ने पाता पेट्रो केमिकल्स को करोड़ों रुपये में जमीन अधिगृहित करा दी। वैसुंधरा में जब यह फर्जीवाड़ा हुआ था तब यहां ऊसर बंजर जमीन पर धूल उड़ती थी। औद्योगीकरण के दौर में गेल, एनटीपीसी व पाता पेट्रो केमिकल्स के स्थापना की सरगर्मी के बीच भ्रष्टाचारियों ने इस जमीन की अहमियत समझी, फर्जीवाड़ा तो कर बैठे, लेकिन 37 साल बाद समय के करवट बदलते ही एक बार फिर से फर्जीवाड़े की फाइल जिला प्रशासन के हाथ लग गई। मामले की जांच होते ही सात सदस्यीय जांच टीम ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। हालांकि देर से ही सही मामला सामने आते ही जिला प्रशासन भी सख्त रुख अपनाने की तैयारी में जुट गया है, जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने सख्त लहजे में कहा कि भ्रष्टाचारी कोई भी हो बक्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए जाने से लेकर रिकवरी की भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 25 लोगों को हुए फर्जी पट्टे के तहत जो जिंदा नहीं हैं, ऐसे में उनके अधीनस्थों से रिकवरी की जाएगी, पाता पेट्रो केमिकल्स का मुआवजा वापस लिया जाएगा, यही नहीं पट्टे की जमीन को संक्रमणीय करने वाले तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों पर गाज गिरेगी मामले को लेकर जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने कहा कि फर्जी तरीके से पट्टे का लाभ लिया गया है,जांच रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन किया जा रहा है कानूनी व्यवस्था व मानकों का पालन सुनिश्चित करते हुए दोषियों पर शिकंजा कसा जाएगा इसके साथ ही मामले में दोषी तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी एडीएम व डीएम दोनों कोर्ट में वाद दर्ज कराते हुए भ्रष्ट लोगों की सुनवाई कराई जाएगी।

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