||संवाददाता – विजय शंकर दुबे||

लखनऊ 8 मार्च 2024 शुक्रवार। नव अंशिका फाउंडेशन की ओर से “द ग्रेट शक्तिस्वरूपा उत्सव” के अंतर्गत महिला माह का आयोजन किया जा रहा है।

इस साल चूंकि महिला दिवस शुक्रवार को पड़ा इसलिए मार्च माह के हर शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण के समारोह किये जा रहे हैं। प्रथम कड़ी में जहां घरों में काम करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया वहीं दूसरे शुक्रवार 8 मार्च को महिला दिवस और शिवरात्रि के अवसर पर विशेष रूप से “शिव की शक्ति” समारोह का आयोजन गोमती नगर के विकल्प खंड स्थित गोमतेश्वर महादेव मंदिर में किया गया। इस क्रम में 15 मार्च को शिक्षा, खेल, कला आदि क्षेत्र में यश अर्जित करने वाली “यूपी की सशक्त बेटियों” को “नव अंशिका तेजस्वनी सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा।
गोमतेश्वर महादेव मंदिर में विधि विधान से दुग्धाभिषेक, बेलपत्र धतूरा अर्पित करके पूजन अनुष्ठान किया गया। उसके उपरांत नव अंशिका फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा नीशू त्यागी की अगुआई में विभिन्न शिव भजन गाये गये। 

शिवोहम” भजन पर उत्साहित भक्तगण नाचने और झूमने लगे। भजन मंडली में नीशू त्यागी के साथ आनंदिता कौशिक,हेमलता त्यागी, पम्मी ,रेनू , मंजू बिष्ट,रचना सिंह ,रेखा शर्मा,सावित्री देवी, सोती आंटी,नम्रता मिश्रा , आभा सिंह, शामिल रहीं। 

आयोजक मंडल में उपाध्यक्षा नीरा लोहानी, सहित मंजू विष्ट, रेनू जोशी, पम्पी मायर, रेखा शर्मा ,रचना सिंह और अंशिका त्यागी उपस्थित रहीं। 

नीशू त्यागी ने बताया कि इस क्रम में तीसरे शुक्रवार 15 मार्च को शिक्षा, खेल, कला आदि क्षेत्र में यश अर्जित करने वाली “यूपी की सशक्त बेटियों” को “नव अंशिका तेजस्वनी सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा।

इसका मकसद उनकी उपलब्धियों के माध्यम से दूसरों को राह दिखाना है। चौथे शुक्रवार 22 मार्च को होली के फाग गायन, व्यंजन, रंगोली आदि पर “रंग-रंगीली सहेली” प्रतियोगिता, घरेलू महिलाओं के बीच करवायी जाएगी। अंतिम शुक्रवार 29 मार्च को पुरुषों के क्षेत्र में नाम अर्जित करने वाली महिलाओं को “नव अंशिका सर्वश्री सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा।
 
शक्तिस्वरूपा उत्सव” के लिए हेल्पलाइन का नम्बर “9721700025” है। इसके माध्यम से इस आयोजन और प्रतिभागिता के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। 
संयोजक दबीर सिद्धीकी ने बताया कि महिला दिवस अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया। 

उसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। साल 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया। साल 1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल की जिसके परिणाम स्वरूप ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया
ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार वह दिन 8 मार्च था। ऐसे में साल 1921 में 8 मार्च महिला दिवस के रूप में विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम-लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी थी। 

इसका मकसद दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी और शिक्षा के उपयोग के प्रति जागरूकता लाना है।


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