राजकुमार गुप्ता एक अक्टूबर यानी रविवार को देश में स्वच्छता दिवस मनाया जाएगा। जिसको लेकर भारत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता दिवस पर देश की जनता से सुबह 10 बजे एक तारीख एक घंटा एक साथ श्रमदान करने आह्वान किया हैं। इस कार्यक्रम में साफ सफाई के सभी कामों को किया जाएगा। जिसमें सार्वजनिक जगहों से कचरा हटाना, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, स्वच्छता संपत्तियों की मरम्मत के साथ ही जगह जगह पेड़ लगाए जाएंगे, लोगों को स्व्च्छता की शपथ दिलाई जाएगी साथ ही स्वच्छता भारत अभियान के तहत और भी सार्वजनिक हित के कामों को भी किया जाएगा।

इस अवसर पर राष्ट्रवादी चिंतक मुशरफ खान ने कहा कि अमृतकाल का यह समय भारतवर्ष के लिए बदलाव का समय है। बदलाव के इस नए भारत में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। इसलिए हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है, ताकि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके और बीमारियों से दूर रहा जा सके। इसीलिए बापू ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था और लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें और बापू के इस सपने को साकार बनाने के लिए पीएम मोदीजी ने जो स्वच्छता का जो संदेश दिया था। वो आज देखते ही देखते एक मिशन में बन गया हैं। हम पीएम के इस संदेश का स्वागत करते हैं। और उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रहित में सभी भारतीयों को स्वच्छ भारत अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

हमारी विनम्र अपील हैं कि प्रधानमंत्री मोदीजी के आह्वान पर हम सभी भारतवासियों को एक साथ मिलकर श्रमदान करना चाहिए और राष्ट्रहित में 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे 1 घंटे श्रमदान कर बापू को स्वच्छांजलि देनी चाहिए। यही बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी और हर भारतीय नागरिक का श्रमदान का एक छोटा सा कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक बड़ा कदम हो सकता है। अब बापू के सपने को साकार बनाने के लिये देश और प्रदेश के युवाऔ सहित सभी को आगे आना होगा और बापू के सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास करना होगा। क्युकी अक्सर अस्वच्छ भारत की तस्वीरें भारतीयों के लिए शर्मिंदगी की वजह बन जाती हैं, इसलिए स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि को सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है। यह अभियान न केवल नागरिकों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने बल्कि हमारे देश की छवि को इस अभियान के माध्यम से स्वच्छ बनाने में भी मदद करेगी।चाहे व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, हर उम्र में उन्हें कुछ स्वच्छता संबंधीत नियमों का पालन करना चाहिए। 

केवल घर ही नहीं अपितु आस-पास के परिवेश को भी स्वच्छ रखना, अपने स्कूल, कॉलेज या कोई भी सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा न फैलाना। सूखे और गीले कचड़े को अलग-अलग हरे और नीले कूड़ेदान में डालना। इस प्रकार और भी कई काम हैं जिनके जरिये आप अपने अंदर स्वच्छता संबंधी आदतों को विकसित कर सकते हैं। हमें अब अपना नजरिया बदलना होगा कि साफ-सफाई केवल सफाई कर्मचारियों की ही जिम्मेदारी नहीं है,बल्कि यह हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि हम सभी मिलकर अपने घर, बस्ती, कॉलोनी, शहर, गांवों, जनपद,जिला,प्रदेश और देश को साफ और सुरक्षित रखें। घर या अपने आसपास संक्रमण फैलने से बचाने और गंदगी के पूर्ण निपटान के लिये हमें ध्यान रखना चाहिये कि कूड़ा केवल कूड़ेदान में ही डालें। साफ-सफाई केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये घर, समाज, समुदाय, और देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें इसके महत्व और फायदों को समझना चाहिये। हमें कसम खानी चाहिये कि, न तो हम खुद गंदगी फैलाएंगे और किसी को फैलाने देंगे।

 हम सभी ने यह कहावत सुनी है कि स्वच्छता में ईश्वर वास करते हैं। जिसका अर्थ है कि स्वच्छ स्थानों में ही ईश्वर का वास होता है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है, जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन बहुत से लोग अपने घरों को साफ रखना चाहते हैं लेकिन अपने घर का कचरा गैर जिम्मेदाराना तरीके से सड़कों पर फेंक देते हैं, जो पर्यावरण व पशुओं के लिए बहुत ही हानिकारक है। वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। पान, गुटका और तम्बाकू जैसे उत्पादों का सेवन करने वालों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना चाहिए और सरकारी संस्थानों, स्कूलों और घरों में स्वच्छता बनाये रखने के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए। स्वच्छता के लिए नालियों की गंदगी, नदियों के आस-पास जमे कूड़े-कर्कट, सड़कों की सफाई करनी चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिये पेड़-पौधों और वृक्षारोपण करना चाहिए। शौचालय का प्रयोग करने के लिए लोगों में जागरूक करना चाहिए। अपने आस-पास रखे कूड़ेदान का प्रयोग करने के लिये लोगों को बताना करना चाहिए और लोगों को स्वच्छता के सही मायने समझायें। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिये लोगों को जागरूक बनाने का प्रयास करना चाहिए।

गंदगी नहीं फैलाएंगे और ऐसा करने वालों को विनम्रता पूर्वक रोकने का प्रयास करना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को स्वच्छता बनाये रखने संबंधी अभियान चलाने करना चाहिए। स्वच्छता पखवाड़ा अभियान के जरिये लोगों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार बनाएं। क्युकी स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता एक महत्वपूर्ण तरीका है। जो व्यक्ति साफ-सफाई रखता है, उससे बीमारियाँ कोसों दूर रहती हैं। इसलिए आसपास की साफ़सफ़ाई के साथ साथ हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है, जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना, खाना खाने से पहले आपने हाथ अच्छी तरह से साबुन से धोना, नाखून काटना आदि। हमें पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिये, हमें बाहर के खाने से बचना चाहिये, साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिये। इस प्रकार हम खुद को स्वच्छ के साथ-साथ स्वस्थ भी रख सकते हैं। स्वच्छता एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिये साफ-सफाई बेहद जरुरी है। 

अपने आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। हमें साफ-सफाई को अपनी आदत में लाना चाहिये और कूड़े को हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिये, चाहिये क्योंकि गंदगी वह जड़ है जो कई बीमारियों को जन्म देती है। जो रोज नहीं नहाते, गंदे कपड़े पहनते हों, अपने घर या आसपास के वातावरण को गंदा रखते हैं, ऐसे लोग हमेशा बीमार रहते हैं। गंदगी से आसपास के क्षेत्रों में कई तरह के कीटाणु, बैक्टीरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते हैं जो बीमारियों को जन्म देते हैं। जिन लोगों की गंदी आदतें होती हैं वो भी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों को फैलाते है। संक्रमित रोग बड़े क्षेत्रों में फैलाते हैं और लोगों को बीमार करते हैं, कई बार तो इससे मौत भी हो जाती है।स्वच्छता के कई फायदे हैं जैसे कि स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतें हमे कई बीमारियों से बचाती हैं। कोई भी बीमारी न केवल शरीर के लिए हानिकारक होता है, अपितु खर्च भी बढ़ा देता है। गंदे पानी व भोजन के सेवन से पीलिया, टाइफाइड, कॉलेरा जैसी खतरनाक बीमारियां फैलती हैं। गंदे परिवेश मे मच्छर पनपते हैं जो मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलाते हैं।

श्री खान ने आगे बताया कि व्यर्थ के बीमारियों को बढ़ाने से अच्छा है कि हम स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करें। ऐसा कर के हम देश के लाखों रुपये, जो बीमारियों पर खर्च होते हैं बचा सकते हैं। इसलिये, हमें नियमित तौर पर अपने स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिये। स्वच्छता से हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है और दूसरों का भी हम पर भरोसा बनता है। ये एक अच्छी आदत है जो हमें हमेशा खुश रखेगी। ये हमें समाज में बहुत गौरान्वित महसूस कराएगी। इसलिए हमें रोजमर्रा के जीवन में अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य को सिखाना चाहिये। स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन और लंबी आयु के लिये भी बहुत जरुरी होता है, इसलिये उन्हें अपने बच्चों में साफ-सफाई की आदत भी डालनी चाहिये।स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यत: हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया होगा कि हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरुरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। 

उन्हे जरुर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है और स्वच्छता संबंधी आदतों से हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। और जब हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो हम अपने परिवेश कि भी सफाई आसानी से कर पाएंगे। जब हमारा पूरा परिवेश साफ रहेगा तो नतीजन देश भी साफ रहेगा और इस प्रकार एक छोटी सी कोशिश मात्र से हम पूरे देश को साफ कर सकते हैं। हम अपने अंदर ऐसे छोटे-छोटे बदलाव अगर ले आएं तो शायद वो दिन दूर नहीं जब पूरा भारत स्वच्छ हो। ये कोई कठिन कार्य नहीं है, लेकिन हमें इसे शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिये। ये हमें मानसिक, शारीरिक, समाजिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ रखता है। सभी के साथ मिलकर उठाया गया कदम एक बड़े कदम के रुप में परिवर्तित हो सकता है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसे हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिये अपनाना चाहिये। स्वच्छता पुण्य का काम है जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिये, एक बङी जिम्मेदारी के रुप में हर व्यक्ति को इसका अनुकरण करना चाहिये।

 हमें अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता, पालतू जानवरों की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता, अपने आस-पास की स्वच्छता, और कार्यस्थल की स्वच्छता आदि करनी चाहिये। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरुरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित सबकी सफाई करते हैं। हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहनना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। धरती पर हमेशा के लिये जीवन को संभव बनाने के लिये अपने शरीर की सफाई के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को भी साफ बनाए रखना चाहिये। अपने भविष्य और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिये ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। हमारे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिये स्वच्छता बहुत जरुरी है। ये व्यक्ति को प्रसिद्ध बनाने में अहम रोल निभाती है।

 पूरे भारत में आम जन के बीच स्वच्छता को प्रचारित व प्रसारित करने के लिये भारत की सरकार द्वारा कई सारे कार्यक्रम और सामाजिक कानून बनाए गये और लागू किये गये है। हमें बचपन से स्वच्छता की आदत को अपनाना चाहिये और पूरे जीवन उनका पालन करना चाहिये। एक व्यक्ति अच्छी आदत के साथ अपने बुरे विचारों और इच्छाओं को खत्म कर सकता है। स्वच्छता किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होता है। चाहे वह कोई भी क्षेत्र क्यों न हो, हमें सदैव इसका पालन करना चाहिये। स्वच्छता कई प्रकार की हो सकती है जैसे कि, सामाजिक, व्यक्तिगत, वैचारिक आदि। हमें हर क्षेत्र में इसे अपनाना चाहिये क्यों कि सबके मायने अलग होते हैं। विचारों कि स्वच्छता हमें एक अच्छा इंसान बनाती है, तो वहीं व्यक्तिगत स्वच्छता हमें हानिकारक बिमारियों से बचाती है। इस लिये स्वच्छता के सार्वभौमिक विकास हेतु हमें सदैव प्रयासरत रहना चाहिये। व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ वैचारिक स्वच्छता हमें एक अच्छा इंसान बनाता है। जो सदैव अपने विकास के साथ दूसरों का भी भला सोचता है और जब देश के सभी लोग ऐसी भावन के साथ जीने लगेंगे, तो वो दिन दूर नहीं जब देश स्वच्छता के साथ-साथ प्रगति के पथ पर भी तेजी से आगे बढ़ने लगेगा। भारत सरकार ने स्वच्छता की आवश्यकता को समझते हुए स्वच्छ भारत अभियान को चलाया हैं जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के मौके पर की गई। पर कोई भी अभियान केवल सरकार मात्र नहीं चला सकती, नागरिकों में जागरुकता फैलाने की भी आवश्यकता है। मोदीजी का उद्देश्य भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देना है।

हम जानते हैं कि इसे केवल एक अभियान बनाने से कुछ नहीं होगा। पुरानी आदतों को बदलने में समय लगेगा लेकिन यह इतना मुश्किल काम भी नहीं है। इस अभियान के जरिये हम बापू की जयंती के अवसर पर उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सके। हम सभी को स्वच्छता अभियान को लेकर बड़ा परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिये देश-प्रदेश का युवा निम्न तरह की गतिविधियों के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। देश के लोगों को स्वच्छता संबंधी इस अभियान में अपना योगदान देना चाहिए और इस अभियान के माध्यम से अन्य लोगों को इसका हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि कचरा मुक्त वातावरण और शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण किया जा सके। हमें बच्चों में छोटे समय से स्वच्छता संबंधी आदतें डालनी चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य हैं और एक अच्छी आदत देश में बदलाव ला सकता है। जिस देश के बच्चे सामाजिक, वैचारिक और व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ होंगे उस देश को आगे बढ़ने से कोइ नहीं रोक सकता। एक जिम्मेदार नागरिक बनें और देश के विकास में अपना योगदान देंने के लिए स्वच्छता अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं तो आओ राष्ट्रहित में 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे 1 घंटे मोदीजी के आह्वान पर हम सभी भारतवासियों को एक साथ मिलकर श्रमदान कर बापू को स्वच्छांजलि दे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने