14 से 20 अप्रैल, 2023 तक सभी जनपदों में आयोजित होगा अग्नि सुरक्षा सप्ताह

समस्त फायर स्टेशन क्षेत्रों में फायर रैली निकाल कर जनता को जागरूक किया जायेगा

शिक्षा संस्थानों में अग्नि सुरक्षा से संबंधित निबन्ध, चित्रकला एवं व्याख्यान का आयोजन कराया जायेगा

बहुखण्डीय भवनों में अग्नि निवारण, जीवन संरक्षा एवं अग्निशमन व्यवस्थाओं की जांच एवं मॉक ड्रिल हेतु सुरक्षा में अभियान चलाया जायेगा

अग्नि सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के संबंध में जागृत करने के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन

-श्री जुगुल किशोर

लखनऊ: 12 अप्रैल, 2023
पुलिस उप महानिरीक्षक, नि0-महानिदेशक, अग्निशमन तथा आपात सेवा मुख्यालय, उ0प्र0 लखनऊ श्री जुगुल किशोर ने बताया कि 14 अप्रैल, 2023 से 20 अप्रैल, 2023 तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश में एकरूपता प्रदान किये जाने के उद्देश्य से अग्निशमन सेवा शहीद स्मृति दिवस तथा अग्नि सुरक्षा सप्ताह का कार्यक्रम प्रत्येक जनपद में मनाया जायेगा। अग्नि सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत 14 अप्रैल, 2023 को स्मृति दिवस परेड तथा फ्लैग पिन लगाई जायेगी। इसके साथ ही फायर स्टेशन व महत्वपूर्ण स्थानों पर समस्त फायर स्टेशन क्षेत्रों में फायर रैली निकाल कर जनता को जागरूक किया जायेगा। 15 अप्रैल, 2023 को जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर विद्यमान फायर स्टेशनों के सहयोग से शिक्षा संस्थानों में अग्नि सुरक्षा से संबंधित निबन्ध, चित्रकला एवं व्याख्यान का आयोजन कराया जायेगा।
श्री किशोर ने बताया कि 16 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2023 तक जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर बहुखण्डीय भवनों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, सभागारों का निरीक्षण, अग्निसुरक्षा से संबंधित जनजागरण ष्।ूंतमदमेे पद थ्पतम ैंमिजल वित ळतवूजी व िछंजपवदंस प्दतिंेजतनबजनतम ;।ळछप्द्ध ’’राष्ट्रीय अवसंरचना के विकास के लिये अग्नि जागरूकता’’ के संकलन पर विशेष रूप से केन्द्रित होकर, बहुखण्डीय भवनों में अग्नि निवारण, जीवन संरक्षा एवं अग्निशमन व्यवस्थाओं की जांच एवं मॉक ड्रिल हेतु सुरक्षा में अभियान चलाया जायेगा। गोष्ठी हेतु व्यापार मण्डल के संभ्रान्त व्यक्तियों एवं नागरिकों को बुलाकर विचार-विमर्श किया जायेगा। 20 अप्रैल, 2023 को ग्रामीण अंचलों में प्रभारी अग्निशमन अधिकारी द्वारा अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
अग्नि सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के संबंध में जागृत करने के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा अग्नि सुरक्षा का संकल्प “राष्ट्रीय अवसंरचना के विकास के लिये अग्नि सुरक्षा में जागरूकता’ निर्धारित किया गया है। अग्नि सुरक्षा सप्ताह का उद्देश्य नागरिकों को अग्निकाण्डों से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकाण्डों को रोकने एवं अग्नि से बचाव के उपायों के संबंध में प्रशिक्षित किया जाता है। जिसमें आग की रोकथाम की व्यवस्था, सुरक्षित एवं पर्याप्त पलायन मार्ग की व्यवस्था होगा, पर्याप्त पहुंच मार्ग की व्यवस्था, आग की स्थिति में जीवित रहने के उपाय ( क्या करें, क्या न करें), उद्योगों में अग्नि सुरक्षा व सावधानियां, विद्युत अग्नि सुरक्षा व सावधान, बहुमंजिले भवनों में अग्नि सुरक्षा, अपंग व्यक्तियों को अग्नि सुरक्षा, पटाखों से सावधानी तथा फायर एक्सटिंग्यूशर का प्रयोग किस प्रकार करें का प्रशिक्षण दिया जाता है। उद्योगों में अग्नि सुरक्षा का प्रचार प्रसार कराया जाता है। अग्निशमन सेवा के सुदृढीकरण हेतु अग्निकाण्डों एवं जीव रक्षा पुकारों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु अत्याधुनिक मशीनों/उपकरणों जैसे हाईड्रोलिक प्लेटफार्म, एडवांस रेस्क्यू टेण्डर, डिजास्टर चौन, हाईप्रेशर पम्प, एम्बुलेंस, रेस्क्यू एक्युपमेंट, काम्बीटूल्स, स्मोक एक्झास्टर फोम जेनरेटर आदि का क्रय करके जनपदों को उपलब्ध कराया जाता हैं।
श्री किशोर ने बताया कि 14 अप्रैल 1944 को मुम्बई बन्दरगाह पर एस. एस. फोर्ट स्टीकिन नामक मालवाहक पोत, जिसमें रूई के बण्डल, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुये थे, में अकस्मात आग लग गयी। इस आग को बुझाते समय जहाज में विस्फोट के कारण मुम्बई अग्निशमन सेवा में 66 कर्मी वीरगति को प्राप्त हुये। वीरगति प्राप्त इन अग्निशमन कर्मियों की पावन स्मृति में भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को सम्पूर्ण भारत वर्ष में अग्निशमन सेवा पहचान के रूप में घोषणा करने पर अग्निशमन सेवाओं द्वारा अग्निशमन सेवा शहीद स्मृति दिवस/14 अप्रैल तथा 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
श्री किशोर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 75 जनपदों में कुल 359 फायर स्टेशन स्वीकृत है, जिनमें से 301 फायर स्टेशन क्रियाशील है, एवं निर्माणाधीन 49 फायर स्टेशनों को क्रियाशील कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिन पर अग्निशमन सेवा के 6476 अधिकारी/कर्मचारी ’त्राणाय सेवामहे’ की भावना से कुल 1689 वाहनों / मशीनों / पम्पों की सहायता से निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 में रूपया-35,58,33,211/- (रूपया पैंतीस करोड़ अट्ठावन लाख तैंतीस हजार दो सौ ग्यारह मात्र) के अग्निशमन वाहनो / उपकरणों को कय कर जनपदों को आवंटित किया गया है।
श्री किशोर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 से अब तक अग्निशमन कर्मियों द्वारा कुल 31195 अग्नि दुर्घटनायें व जीव रक्षा पुकारों पर कार्यवाही की गई, जिसमें 1919 मनुष्यों व 5065 पशुओं की जीव रक्षा करते हुये अनुमानित 3 अरब 72 करोड़ रूपये की सम्पत्ति बचायी गयी। उत्तर प्रदेश के जनपदों में 21203 मॉक ड्रिल आयोजित की गयी व तत्कम में 180428 व्यक्तियों को जागरूकता अभियान के दौरान जागरूक किया गया। अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा के अन्तर्गत ब्लॉक स्तर पर 91000 अग्निसचेतकों को तैयार किया गया है, जो जमीनी स्तर पर अग्नि सुरक्षा प्रचार-प्रसार तथा अग्निशमन विभाग के सहयोग का कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार उ0प्र0 अग्निशमन सेवा द्वारा प्रदेश की विकसित सम्पदा एवं अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ व सुरक्षित बनाये रखने में बहुत ही सार्थक भूमिका निभाई गई।
श्री किशोर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकालीन अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये जनहित में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 01 मार्च से 30 जून तक जनपदों के तहसील मुख्यालयों पर 69 सीजनल फायर स्टेशन स्थापित कराये गये। इसी प्रकार शीतकालीन अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु 01 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक शीतकालीन सीजन फायर स्टेशन प्रत्येक वर्ष स्थापित किये जाते हैं। प्रदेश में अग्निकाण्ड की सर्वाधिक घटनायें माह मार्च से जून के मध्य विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेत-खलिहान व झोपड़ियों में चिंगारी, धुम्रपान, लापरवाही, लैम्प, लालटेन, खलिहानों के ऊपर से गुजर रही हाईटेन्शन लाइन के कारण होती है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा के ऑनलाइन एन०ओ०सी० पोर्टल पर 01 जनवरी 2022 से अब तक अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु कुल 35316 एप्लीकेशन प्राप्त हुयी है, जिनमें से 24105 आवेदकों को परीक्षणोपरान्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है।

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