होली पर जिले में शराब पीने और पिलाने के शौकीन लोगों ने जी खोल कर पैसा खर्च किया। सात और आठ मार्च को जिले के लोगों ने देसी-अंग्रेजी शराब के साथ ही बीयर पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च कर डाले। आबकारी विभाग के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार राजस्व में लगभग पचास लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है। होली कब मनाई जाए, इसे लेकर इस बार वाराणसी में असमंजस की स्थिति थी। इसके मद्देनजर इस बार जिले में शराब और बीयर की दुकानें सात और आठ मार्च को अलग-अलग जोन के आधार पर खोली और बंद कराई गई थी। पीने-पिलाने के शौकीन लोगों के लिए यह पहला ऐसा मौका था जब उन्हें होली के दौरान शराब और बीयर खरीदने के लिए कोई खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। आबकारी विभाग के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में देसी और अंग्रेजी शराब की खपत सर्वाधिक रही। वहीं, शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी शराब और बीयर की खपत सर्वाधिक रही।जिला आबकारी अधिकारी ओमवीर सिंह ने कहा कि लगभग तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपये की देसी-अंग्रेजी शराब और बीयर की खपत होली के दौरान दो दिन में हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व के लिहाज से इस बार की होली आबकारी विभाग के लिए अच्छी रही है।

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