अयोध्या की पावन धरती पर रामलला के आशीर्वाद से अब सिर्फ आस्था ही नहीं, जीवन बचाने वाला एक बड़ा कदम भी उठने जा रहा है।
टाटा समूह द्वारा अयोध्या में बनने वाला अत्याधुनिक कैंसर हब उन असंख्य परिवारों के लिए नई उम्मीद साबित हो सकता है, जो अब तक इलाज के लिए बड़े शहरों के चक्कर लगाने को मजबूर थे।
जहां एक ओर भव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर दुनिया भर के श्रद्धालुओं को जोड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इसी रामनगरी में कैंसर जैसी भयावह बीमारी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई की तैयारी शुरू हो चुकी है।
इस पहल के तहत अयोध्या के राजघराने द्वारा 6–8 एकड़ जमीन निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय समाज सेवा और मानवीय संवेदना की अनोखी मिसाल है। सोचिए, कल तक जिन लोगों को जांच, कीमोथेरेपी या एडवांस इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली या मुंबई भागना पड़ता था, वे अब रामलला की शरण में ही आधुनिक हेल्थकेयर सुविधाएं पा सकेंगे।
यह कैंसर हब सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि उन परिवारों के लिए “नई शुरुआत” है, जो इलाज के खर्च और दूरी दोनों से टूट चुके थे।
इस परियोजना सेपूर्वांचल के हजारों–लाखों मरीजों को नज़दीक में बेहतर इलाज मिलेगा।अयोध्या “आस्था के केंद्र” के साथ–साथ “स्वास्थ्य के केंद्र” के रूप में भी उभरेगी।गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा मिल सकेगा।रामनगरी से उठती यह पहल एक संदेश देती है कि असली धर्म वही है, जो मानव सेवा से जुड़ा हो।
जहां भगवान का मंदिर हो, वहां अस्पताल, सेवा और संवेदना की रोशनी भी अवश्य जलनी चाहिए।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know