औरैया // गेल ने कंबल निर्माण के कारोबार के जरिये महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल की है साल 2013 व 2014 में कन्हों व खानपुर की महिलाओं को प्रशिक्षण देते हुए इस कारोबार से जोड़ा गया, औरैया समेत कई जनपदों को यहां से कंबल सप्लाई हो रहे हैं। बाजार में कीमत भी महज 600 रुपये निर्धारित है गेल की ओर से कन्हो व खानपुर गांव की महिलाओं को पहली बार साल 2013 में इस कारोबार से जोड़ा गया था। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया कुल चार समूह इस काम के लिए आगे आए, इसमें लक्ष्य स्वयं सहायता समूह, विजयलक्ष्मी स्वयं सहायता समूह, मुस्कान स्वयं सहायता समूह व सहेली स्वयं सहायता समूह शामिल रहे इन समूहों की 60 महिलाएं सर्दी के सीजन में संयंत्रों के जरिए कंबल बुनाई का काम करती है, गेल के सहयोग से कार्यरत सकि्रय विकास प्रणाली संस्था (सीवीपीएस) इस कारोबार को धार दे रही है। कच्चे माल की आवक से लेकर महिलाओं से कंबल बनवाने और सप्लाई देने में संस्था अपनी भागीदारी निभा रही है बाजार में यहां का कंबल 600 रुपये में मिल रहा है एक कंबल के निर्माण पर महिलाओं को 180 रुपये मिल रहे हैं रोजाना दो सौ से अधिक कंबल तैयार हो रहे हैं दिल्ली तक इस कंबल की खेप पहुंच रही है इस मांग को देखते हुए पिछले दिनों जिला प्रशासन ने भी 1000 कंबलों की खेप यहां से मंगवाई है सकि्रय विकास प्रणाली संस्था के समन्वयक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कंबल की डिमांड बढ़ने के साथ ही कारोबार को और बढ़ाया जा रहा है रोज 10 से 11 कंबल तैयार कर रहीं महिलाए।
ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार
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