मुख्यमंत्री ने छात्रवृत्ति वितरण समारोह में 03 लाख 96 हजार
602 छात्र-छात्राओं को 89.96 करोड़ रु0 की धनराशि हस्तांतरित की

सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में शिक्षा की बड़ी भूमिका : मुख्यमंत्री

शिक्षा प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर और विकसित
भारत की संकल्पना को साकार करने में सहायक

जरूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था से जोड़कर
उत्तम और बेहतरीन शिक्षा के माध्यम से विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता

डाटा अपलोड न करने के कारण जिन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति
प्राप्त नहीं हो सकी, उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही

राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा को सर्वसमावेशी बना रही

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आने वाले समय में
‘वन नेशन वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था की जाएगी

प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति वितरण पोर्टल को आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस से जोड़ रही

विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए उ0प्र0 का विकसित व आत्मनिर्भर होना आवश्यक

छात्रवृत्ति पोर्टल को ई-डिस्ट्रिक्ट, पी0एफ0एम0एस0, यू0आई0डी0ए0आई0, डिजीलॉकर, एन0पी0सी0आई0, ए0आई0एस0एच0ई0, सी0बी0एस0ई0 बोर्ड से इन्टीग्रेट किया गया

वित्तीय वर्ष 2025-26 में अन्य पिछड़े वर्ग के सभी पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति दिए जाने के लिए 2,825 करोड़ रु0 की बजट व्यवस्था की गई

आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण हेतु प्रत्येक छात्र को स्कूल तक पहुंचाना होगा

लखनऊ : 26 सितम्बर, 2025


     मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा वह माध्यम है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में सहायक हो सकता है। आर्थिक प्रगति का पैमाना शिक्षा से तय किया जाता है। सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में शिक्षा की बड़ी भूमिका है। जरूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था से जोड़कर उत्तम और बेहतरीन शिक्षा के माध्यम से उनके विकास के मार्ग को प्रशस्त किया जा सकता है। इनकी प्रतिभा का लाभ विगत 11 वर्षों से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश व दुनिया को प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां छात्रवृत्ति वितरण समारोह के अन्तर्गत 03 लाख 96 हजार 602 छात्र-छात्राओं को 89.96 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त रहे थे। उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व में जगत जननी माँ भगवती की कृपा से आज 04 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जा रही है। यह कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को समय से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रारम्भ किया गया है। वर्ष 2017 से पूर्व छात्र-छात्राओं को समय से छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो पाती थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वंचित वर्गों एवं कमजोर आय वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त कराते हुए तथा उनकी शैक्षिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उन्हें समर्थ और सशक्त बनाने हेतु कक्षा 09 से 12 तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग 04 लाख छात्र-छात्राओं को लगभग 90 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय करते हुए लाभान्वित कराया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति तथा सामान्य वर्ग के कक्षा 09 से 12 तक के 01 लाख 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रथम चरण में 20.23 करोड़ रुपये की धनराशि से लाभान्वित कराया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा पहले चरण में कक्षा 09 से 12 तक के अन्य पिछड़ा वर्ग के 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को 62.13 करोड़ रुपये की धनराशि से लाभान्वित कराया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कक्षा 09 से 12 के अल्पसंख्यक वर्ग के 25,073 छात्र-छात्राओं को 7.60 करोड़ रुपये की धनराशि से प्रथम चरण में लाभान्वित कराया जा रहा है।
प्रदेश के कुछ जनपदों में अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति से जुड़े छात्र-छात्राओं को कुछ संस्थानों द्वारा डाटा अपलोड न करने के कारण छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो सकी थी। प्रदेश सरकार द्वारा इन सभी लगभग 05 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था की ली गई है। जिन लोगों की गलती से छात्रवृत्ति प्राप्त होने में देरी हुई, उनकी जवाबदेही तय की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया है, ताकि प्रत्येक विद्यार्थी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सके। 05 वर्ष से 14 वर्ष आयु तक के प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य रूप से शिक्षा उपलब्ध कराई जानी चाजिए। बेटियों की स्नातक तक की शिक्षा के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रत्येक छात्र-छात्रा को स्कूल तक पहुंचाने तथा स्कूल ड्रॉप आउट को कम करते हुए शिक्षा को सर्वसमावेशी बना रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आने वाले समय में ‘वन नेशन वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था की जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा स्कूल में एडमिशन लेते ही, एक क्लिक के माध्यम से उनके एकाउंट में छात्रवृत्ति पहुंच सकेगी। प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति वितरण को तकनीक से जोड़ने का कार्य कर रही है। मनुष्य का हस्तक्षेप न्यूनतम करने के लिए छात्रवृत्ति पोर्टल को आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस आधारित वेरीफिकेशन सिस्टम से जोड़ने का कार्य हो रहा है। विद्यार्थी और अभिभवक मोबाइल ऐप के माध्यम से रियल टाइम छात्रवृत्ति ट्रैकिंग सिस्टम की सुविधा से जुड़ सकेंगे। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाते हुए पात्र और छूटे हुए विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की सुविधा से जोड़ा जाएगा। मेन्टरशिप व कैरियर गाइडेंस के माध्यम से छात्रवृत्ति को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। ‘एक विद्यार्थी एक स्कॉलरशिप’ की अवधारणा को लागू कर सभी योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदर्शन आधारित अतिरिक्त प्रोत्साहन देकर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा तक पहुंचने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है। इस व्यवस्था को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी से भी जोड़ना होगा। प्रदेश सरकार ने इस सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार की है। वर्ष 2047 में जब देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तो उस समय यह देश कैसा होगा, इस सन्दर्भ में शताब्दी संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्तर प्रदेश का विकसित व आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अनुसूचित जाति वर्ग के कुल 01 करोड़ 23 लाख 13 हजार 201 छात्र-छात्राओं को पूर्व दशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति के रूप में 9,150 करोड़ रुपये से अधिक की कुल धनराशि से लाभान्वित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक सामान्य वर्ग के कुल 58 लाख 90 हजार 280 छात्र-छात्राओं को पूर्व दशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति के रूप में 5,945 करोड़ रुपये से अधिक की कुल धनराशि से लाभान्वित किया गया है। छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे छात्रों के आधार सीडेड बैंक खातों में त्वरित अन्तरित होने से पारदर्शिता बढ़ी है। अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग का कोई भी पात्र छात्र, छात्रवृत्ति से वंचित न रह सके, इसके दृष्टिगत वर्ष 2022-23 से समुचित बजट व्यवस्था की गयी है। जनपदीय समिति से स्वीकृत सभी पात्र छात्र-छात्रओं को धनराशि प्राप्त हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छात्रवृत्ति पोर्टल को ई-डिस्ट्रिक्ट, पी0एफ0एम0एस0, यू0आई0डी0ए0आई0, डिजीलॉकर, एन0पी0सी0आई0, ए0आई0एस0एच0ई0, सी0बी0एस0ई0 बोर्ड से इन्टीग्रेट  किया गया है। इससे छात्रों के जाति/आय/निवास प्रमाण-पत्र का सत्यापन, बैंक खाते का सत्यापन, लाभार्थी का सत्यापन, आधार से बैंक खाते की सीडिंग, छात्रों की ई-के0वाई0सी0 अर्थात व्यक्तिगत विवरण आटोफेच, फर्जी संस्थाओं को बाहर करना व हाईस्कूल बोर्ड के रोल नम्बर आदि का सत्यापन आसानी से किया जा रहा है।
छात्रवृत्ति योजना को आधुनिक तकनीक से जोड़कर सम्पूर्ण प्रणाली को आटोमेटेड करने से छात्र व संस्थानों को तकनीकी समस्यायें अत्यन्त न्यून हांगी। इसके लिए मोबाइल एप का विकास किया जा रहा है, जिससे छात्र आसानी से आवेदन पत्र को भर सके। इसके अतिरिक्त, पाठ्यक्रमों में विलम्ब से परीक्षा परिणाम घोषित होने तथा 01 वित्तीय वर्ष से अधिक अवधि वाले पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों के लिए नीतिगत व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ट्रांस्फॉर्मेशन टीम गठित कर विभिन्न हितधारकों से परामर्श करते हुए सुझाव प्राप्त किये गये। उक्त टीम के सुझाव को लागू करने से छात्रों को अत्यधिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कुल बजट 1,295 करोड़ रुपये था, उसमें वर्तमान सरकार द्वारा वर्षानुवर्ष बढ़ोत्तरी करते हुए अन्य पिछड़े वर्गों के हितों को आगे बढ़ाया गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 (1648.91 करोड़ रुपये), वर्ष 2018-19 (1883.96 करोड़ रुपये), वर्ष 2019-20 (1887.29 करोड़ रुपये), वर्ष 2020-21 (1505.53 करोड़ रुपये), वर्ष 2021-22 (1581.42 करोड़ रुपये), वर्ष 2022-23 (1813.97 करोड़ रुपये), वर्ष 2023-24 (2608.13 करोड़ रुपये), वर्ष 2024-25 (2861.38 करोड़ रुपये), वर्ष 2025-26 (3124.45 करोड़ रुपये) धनराशि की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017-18 (1648.91 करोड़ रुपये) से वर्ष 2025-26 (3124.45 करोड़ रुपये) की अवधि में अन्य पिछड़े वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के बजट में लगभग दो गुनी वृद्धि की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अन्य पिछड़े वर्ग के सभी पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति दिए जाने के लिए सर्वाधिक रूप से 2,825 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। वर्ष 2016-17 में छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 1092.36 करोड़ रुपये के बजट से 18,83,666 छात्रों को लाभान्वित किया गया था, जिसमें वर्तमान सरकार द्वारा वर्षानुवर्ष वृद्धि की गई। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 की अवधि में अन्य पिछड़े वर्ग के कुल 02 करोड़ 07 लाख 53 हजार 457 छात्र-छात्राओं को 13,535 करोड़ रुपये से अधिक की कुल धनराशि से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में वर्ष 2016-17 में स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष वर्ष 2025-26 में स्वीकृत धनराशि में भारी वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में पूर्वदशम् छात्रवृत्ति के लिए 107.33 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसके सापेक्ष वर्ष 2025-26 में 325 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। वर्ष 2016-17 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 984.62 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, जबकि वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में अन्य पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु 11 करोड़ रुपये प्राविधानित किए गए थे, जिसके सापेक्ष वर्ष 2025-26 में 35 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। अन्य पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के हॉस्टल के अनुरक्षण के लिए वर्ष 2016-17 में कोई बजट स्वीकृत नहीं किया गया था। इसके विपरीत हमारी सरकार द्वारा इस कार्य के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 05 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। जब तक विद्यार्थी अच्छी शिक्षा नहीं प्राप्त करेंगे, तब तक किसी भी प्रकार का सरकारी अनुदान आपका कल्याण नहीं कर सकता। केवल सरकार पर आश्रित न रहते हुए सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का बेहतर उपयोग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए स्वयं को तैयार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे महापुरूषों ने अपने पुरुषार्थ व परिश्रम के बल पर समाज को नई दिशा देने का काम किया। बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर ने कोटि-कोटि वंचितों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ों का मार्गदर्शन किया। बाबा साहब द्वारा कही गईं बातें आज भी वंचितों व शोषितां को नई प्रेरणा प्रदान कर रही हैं। प्रत्येक विद्यार्थी में सामर्थ्य व शक्ति है। विद्यार्थियां को प्लेटफार्म प्रदान करने का कार्य संस्थानों का होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों को सपोर्ट करने का काम सरकार का होना चाहिए। जब यह सभी मिलकर काम करेंगे, तो हम बेहतर भविष्य का निर्माण करने में सफल हो सकेंगे। यही वर्ष 2047 का शताब्दी संकल्प है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री जी का विकसित भारत संकल्प चरितार्थ हो रहा होगा, तब आप सभी विद्यार्थियों के हाथों में कमान होगी। आप व्यवस्था के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे होंगे। कोई सरकारी अधिकारी, कोई जनप्रतिनिधि, कोई मुख्यमंत्री, कोई मंत्री, कोई डॉक्टर, कोई इंजीनियर, कोई शिक्षक, कोई व्यवसायी तथा कोई उद्यमी होगा। अलग-अलग क्षेत्रों में आपकी पीढ़ी के हाथों में जो नेतृत्व आने वाला है, उसके लिए मानसिक रूप से अभी से तैयारी करनी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अभियान चल रहा है। आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण हेतु हमें एकजुट होकर के बेहतर शिक्षा के लिए प्रत्येक छात्र को स्कूल तक पहुंचाना है। शिक्षा के उन्नयन के लिए प्रयास करना है। समाज कल्याण विभाग ने आश्रम पद्धति के छात्रावासों की व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया है। वंचित तबके को व्यवस्था का मुख्य हिस्सा बनाने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चल रहे हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में वंचित वर्गों के विद्यार्थियों की सफलता की दर निरन्तर बढ़ती जा रही है। अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विद्यार्थियों को दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। आपको जो स्कॉलरशिप व शुल्क प्रतिपूर्ति दी जा रही है, उसका उपयोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करने हेतु करें। शिक्षा से वंचित छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना होगा। प्रदेश सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षा की व्यवस्था 08वीं कक्षा से बढ़ाकर 12वीं तक कर दी गयी है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्गों की बेटियों को एक ही कैम्पस में पढ़ने, रहने तथा खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें स्कॉलरशिप व यूनिफार्म दी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 01 करोड़ 60 लाख बच्चों के लिए यूनिफार्म, जूता-मोजा तथा स्वेटर आदि की व्यवस्था की जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करके व्यवस्था की जा रही है। इन केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को पोषण मिशन से जोड़ने के साथ-साथ उनकी प्री-प्राइमरी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। ज्ञान को पोषण के साथ जोड़ना आवश्यक है, क्योंकि बच्चे हमारा भविष्य हैं। यदि भविष्य स्वस्थ रहेगा, तो समाज भी स्वस्थ, समृद्ध और सशक्त रहेगा।
अटल आवासीय विद्यालयों में बी0ओ0सी0 बोर्ड में रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों को 06 से 12वीं कक्षा तक की उत्तम शिक्षा की व्यवस्था प्रदान की जा रही है। सैनिक स्कूल की तर्ज पर इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय और पी0एम0 श्री विद्यालय के माध्यम से शिक्षा के उन्नयन के लिए अनेक कार्यक्रम आगे बढ़ा रही है, ताकि विद्यार्थी अच्छी शिक्षा अर्जित करते हुए अपनी प्रतिभा का लाभ देश व भावी पीढ़ी को प्रदान कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी संस्थान प्रवेश प्रक्रिया समय से पूर्ण करते हुए बच्चों का डाटा तत्काल अपलोड करें, जिससे छात्रवृत्ति वितरण व शुल्क प्रतिपूर्ति की कार्यवाही को समय से आगे बढ़ाया जा सके। विद्यार्थियों को इधर-उधर न भटकना पड़े। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा समाज कल्याण विभाग छात्र-छात्राओं को ससमय छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान करने के लिए जवाबदेही तय करते हुए कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करें। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन छात्र-छात्राओं को डाटा अपलोड न होने के कारण गत वर्ष स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है, दीपावली पर्व से पूर्व उनको यह छात्रवृत्ति अवश्य प्रदान करें।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेन्द्र कुमार कश्यप, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण, समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री श्री संजीव गोंड तथा अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्री दानिश आजाद अन्सारी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री बैजनाथ रावत, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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