मथुरा || गोवर्धन के प्रसिद्ध मुकुट मुखारबिंद मंदिर मानसी गंगा के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर अपने ख़िलाफ़ हुए SIT द्वारा FIR और SDM गोवर्धन द्वारा किए गए जाँच की वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा था कि वह मथुरा न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिकारी है और शासन-प्रशासन को उनके ख़िलाफ़ कोई भी जाँच करने का अधिकार नहीं है और उनके ख़िलाफ़ SIT ने फर्जी FIR दर्ज कर लिया हैं ।
जिसमे उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव गृह , जिलाधिकारी मथुरा व उप जिलाधिकारी गोवर्धन को प्रतिवादी बनाया था ।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद के दो जजों के बेंच ने यह कहते हुए रमाकांत गोस्वामी की याचिका रद्द कर दी कि SIT द्वारा FIR दर्ज एवं SDM गोवर्धन द्वारा की गई जाँच में याचिकाकर्ता के किसी मौलिक अधिकारों तथा किसी भी अधिकार का हनन नही होता है ।
इस विषय पर इम्पीरियल पब्लिक फाउंडेशन के अध्यक्ष रजत नारायण ने बताया कि रमाकांत गोस्वामी जिला न्यायालय , मथुरा द्वारा मुकुट मुखारबिंद मंदिर में सिर्फ एक रिसीवर नियुक्त किये गए हैं न कि न्यायिक अधिकारी जिनके ख़िलाफ़ जाँच करने के लिए शासन-प्रशासन को न्यायालय की अनुमति लेनी पड़े।
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