बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में पिता की मौत के बाद बेटी ने जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि पिता को आईसीयू में बेड नहीं दिया गया। इससे स्ट्रेचर पर ही उनकी मौत हो गई। कहा कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करने के लिए डॉक्टर से कहा तो जवाब मिला कि हाई ऑथरिटी से फोन करवाओ तब आईसीयू में जगह मिलेगी। इस दौरान मेरे पिता ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया।

रोहनिया के मड़ाव गांव की अनिता गौड़ ने बताया कि उसका मायका जौनपुर में है। पिता राजनाथ गौड़ को पिछले चार दिन से बुखार आ रहा था। इलाज के लिए उन्हें बनारस लेकर आए थे। वह डायबिटीज से भी पीड़ित थे। अनिता के भाई सेना में हैं इस लिहाज से राजनाथ को पहले मिलेट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनका कोविड टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था। उन्हे वेंटिलेटर की जरूरत थी।

बेटी अनिता ने बताया कि हम उन्हें लेकर बीएचयू आए। यहां डॉक्टरों ने देखने के बाद बेड तक नहीं दिया और स्ट्रेचर पर ही एक सलाइन चढ़ा दिया जिसे हाथ में लेकर खड़े रहना पड़ा उसके लिए स्टैंड भी नहीं दिया। अंतत: मेरे पिता ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया।

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