प्रयागराज धार्मिक, शैक्षिक और राजनीतिक क्षेत्र के साथ ही स्वाद के लिहाज से भी समृद्ध है। पुराने शहर का लोकनाथ इलाका तो इस मामले में अग्रणी है। लोकनाथ की संकरी सड़क पर दोनों ओर खानपान की तमाम दुकानें हैं जहां एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन यहां आने वालों को लुभाते हैं। देखने में काफी छोटी और पुरानी सी इन दुकानों में स्वाद का खजाना छिपा हुआ है जो एक बार आया तो यहां का मुरीद हो जाता है। लोकनाथ बाजार में ही हरी एंड संस नाम की एक छोटी सी दुकान है जो 131 साल से लोगों के बीच स्वाद बांटने का काम कर रही है। इसके समोसे और खट्टे चने की खुशबू तो सीमा पारकर दूसरे प्रदेशों और देशों तक भी पहुंच गई है।

बाबा हरीराम ने 1890 में लोकनाथ में खोली थी छोटी सी दुकान

हरीराम एंड संस की स्थापना 1890 में बाबा हरीराम ने की थी। अब उनकी तीसरी पीढ़ी इस दुकान का संचालन कर रही है। उनके पोते अरविंद कुमार पुरवार का कहना है कि हमारे बाबा हरीराम आगरा से आए थे और प्रयागराज के लोकनाथ इलाके में नमकीन और समोसा बेचने की एक छोटी सी दुकान खोल ली। 1950 में बाबा का निधन होने के बाद हमारे पिता चुन्नीलाल पुरवार दुकान पर बैठने लगे। उनके निधन के बाद अब हम अपने बाबा के काम को आगे बढ़ा रहे हैं।

हरी का शुद्ध देशी घी का बना समोसा और खट्टा चना है मशहूर

अरविंद पुरवार बताते हैं कि हमारे यहां हर चीज शुद्ध देशी घी में बनाई जाती है जिसमें आलू मसाला मिक्स समोसा, देशी काले चने का खट्टा चना, पालक-बेसन की पपड़ी, सोन पापड़ी, सोन हलवा, हींग सेव, नमक पारा, मूंग और चने की नमकीन आदि हैं जिसे लोग काफी पसंद करते हैं।

विदेशों तक पहुंची हरी के खट्टे चने और समोसे की खुशबू

हरीराम एंड संस की नमकीन की दुकान पर वैसे तो बहुत सारी किस्म की नमकीन मिलती है लेकिन यहां बने आलू-मसाला मिक्स समोसे और खट्टे चने की धमक विदेशों तक पहुंच चुकी है। यहां पर बना समोसा एक माह तक खराब नहीं होता है जबकि खट्टे चने की दालमोठ छह माह तक खराब नहीं होती है। ऐसा अरविंद पुरवार का कहना है।

गुणवत्ता से नहीं किया समझौता, खुद तैयार करते हैं समोसे का मसाला

अरविंद का कहना है कि गुणवत्ता ही उनकी दुकान की पहचान है। हम लोगों ने 131 साल के सफर में कभी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया। समोसे में भरने के लिए मसाला वे खुद तैयार करते हैं जिसे उनके पिता ने बताया था। आलू व मसाले को इतना फ्राई किया जाता है कि महीने भर तक समोसा खराब नहीं होता है। देशी चने से बना खट्टा चना मसालेदार होने के साथ ही खट्टापन लिए हुए होता है। समोसा व चना दोनों ही 500 रुपये किलो है। बनाने में देशी घी का ही इस्तेमाल होता है।

कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन सेल बंद, काउंटर सेल ही कर रहे

हरी के समोसे और नमकीन की मांग अपने शहर के अलावा दूसरे प्रदेशों व देशों में भी है। ऑनलाइन मांग आने पर आपूर्ति की जाती थी लेकिन इधर कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन सेल बंद है, केवल काउंटर सेल ही की जा रही है। समोसा व नमकीन के शौकीन दुकान पर पहुंचते हैं, वहां खाने के अलावा घर भी ले जाते हैं। अरविंद पुरवार के मुताबिक विदेश और दूसरे प्रदेशों के लोग प्रयागराज में स्थित अपने रिश्तेदारों के माध्यम से नमकीन व समोसा मंगा लेते हैं।

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