उतरौला (बलरामपुर)देश में अमन व चैन की बात करने वाले डा० कल्बे सादिक साहब के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है ।
उनको अंतिम विदाई देने के लिए लाखों की तादात में लोग मौजूद रहे डॉक्टर कल्बे सादिक ने अपनी जिंदगी में बेटियों की तालीम के लिए वह हिंदू मुस्लिम भाईचारे में एकता वह भाई चारा बढ़ाने में काफी जोर दिया था।
उन्होंने और यह बात उनके निधन के बाद साबित भी हुई उनके जनाजे में सभी वर्ग के लोग वह देश की बड़ी हस्तियां शामिल रहीं उन्होंने अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा शिया सुन्नी भाईचारे के लिए काम किया जबकि आज के मौलाना दोनों फिरके में जहर घोलने का काम कर रहे हैं डॉक्टर कल्बे सादिक साहब का हमेशा यही प्रयास रहा सभी मुसलमान आपस में एतिहाद रखें एक दूसरों के बारे में कभी कोई अब शब्द का प्रयोग ना करें आज उनके जाने के बाद चाहे वह शिया समुदाय हो या सुन्नी समुदाय हो यहां तक कि हिंदू समुदाय में भी शोक में डूबे हुए हैं । उक्त बातें एमामिया ट्रस्ट उतरौला अध्यक्ष ऐमन रिज़वी ने शोक संवेदना के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वह ऐसी शख्सियत थे जो आज के जमाने में बहुत कम देखने को मिलते हैं उनके जाने के बाद उनकी कमी सदियों तक पूरी नहीं हो सकती।शिया समुदाय के गुर कल्बे सादिक के निधन पर इमामिया ट्रस्ट ऑफिस में एक शोक सभा की गई जिसमें कल्बे सादिक साहब की अच्छाइयों के बारे में याद किया गया इस दौरान अली मुर्तुजा जनरल सेक्रेटरी मोहर्रम कमेटी के सदर अजीज जाफरी और जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर आरिफ रिजवी ने उनके ईसाले सवाब की मजलिस का ऐलान भी किया। इस मौके पर मीडिया प्रभारी नुसरत हुसैन अम्मार रिजवी अकील रिजवी जावेद रिजवी कर्बला के मतवल्ली हसनैन अली आब्दी भी के साथ-साथ कई लोग शामिल रहे।
असगर अली
उतरौला
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