Sandeep Journalist (पत्रकार)
जनपद- अंबेडकर नगर। जलालपुर कस्बे में पीस पार्टी और एकलव्य पार्टी के संयुक्त बैनर तले एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। यह सभा पक्के पुल के समीप हुई, जहां हजारों की संख्या में जनता उमड़ी। इस ऐतिहासिक आयोजन में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद अयूब खान और एकलव्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद निषाद ने जनसमूह को संबोधित किया। सभा के दौरान दोनों नेताओं ने सत्ता में बैठी पार्टियों पर तीखा हमला बोला और जनता को जागरूक करते हुए अपने हक की लड़ाई खुद लड़ने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन पीस पार्टी के वरिष्ठ नेता अफजाल अंसारी के नेतृत्व में किया गया, जिसमें जिला अध्यक्ष मोहम्मद असद सिद्दीकी समेत पार्टी के कई अन्य कद्दावर नेता मौजूद रहे। दोनों पार्टी प्रमुखों ने प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर गहराई से चर्चा की और जनता से पीस पार्टी के उम्मीदवार को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की।
जनविरोधी नीतियों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष को घेरा
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. मोहम्मद अयूब खान और अरविंद निषाद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां सिर्फ चुनाव के समय मुसलमानों, दलितों और पिछड़ों के वोट लेने आती हैं, लेकिन जब उन पर अत्याचार होता है, तब कोई भी खड़ा नहीं होता।
उन्होंने कहा,
"आपने अपने वोट की ताकत समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा को दी, लेकिन जब आपकी मस्जिदों पर हमले हुए, आपकी बहन-बेटियों की इज्जत लूटी गई, आपके युवाओं को फर्जी मुठभेड़ों में मारा गया, तब इनमें से कोई भी पार्टी आपकी मदद के लिए आगे नहीं आई।"
आजम खान का मुद्दा उठाया, समाजवादी पार्टी पर प्रहार
डॉ. अयूब खान ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के हालात का उदाहरण देते हुए कहा कि वे वर्षों तक सपा के मजबूत नेता रहे, लेकिन जब उन पर प्रशासनिक कार्रवाई हुई, उनके परिवार को जेल में डाला गया, तब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनकी सुध तक नहीं ली।
उन्होंने सवाल किया—
"अगर समाजवादी पार्टी मुस्लिमों की सच्ची हितैषी होती, तो क्या वह आजम खान जैसे नेता को अकेला छोड़ देती? जो पार्टी अपने सबसे बड़े मुस्लिम नेता का साथ नहीं दे सकती, वह आम मुसलमानों के लिए क्या करेगी?"
जातिगत एकता का संदेश, मुसलमानों से की एकजुट होने की अपील
सभा के दौरान डॉ. अयूब खान ने यादव, दलित और अन्य पिछड़ी जातियों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे एकजुट हुए, इसलिए सत्ता तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यादवों ने सपा को मजबूत किया, दलितों ने बसपा को सत्ता तक पहुंचाया, लेकिन मुस्लिम समाज कभी कांग्रेस, कभी सपा और कभी बसपा को वोट देता रहा।
उन्होंने कहा—
"जब तक हम अपने समाज के नेताओं को आगे नहीं बढ़ाएंगे, तब तक हमारी स्थिति नहीं बदलेगी। जो अपने समाज के लिए संघर्ष करता है, वही आगे बढ़ता है। जो दूसरों का झंडा उठाता है, वह और उसकी आने वाली पीढ़ियां गुलामी और मजबूरी का जीवन जीने पर मजबूर हो जाती हैं।"
उन्होंने जनता से आग्रह किया कि अब समय आ गया है कि मुस्लिम और पिछड़ा समाज भी अपनी राजनीतिक ताकत को पहचाने और पीस पार्टी को मजबूत करे।
सरकार की जनविरोधी नीतियों पर हमला
सभा के दौरान अरविंद निषाद ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार केवल ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा—
"आज सरकार हिंदू-मुस्लिम के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रही है। हर तरफ नफरत फैलाई जा रही है, जिससे गरीब और पिछड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है।"
उन्होंने युवाओं के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आज रोजगार खत्म हो गया है, शिक्षा महंगी हो गई है और बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन सरकार इन मुद्दों को हल करने के बजाय सिर्फ धर्म और जाति की राजनीति कर रही है।
भारी मतों से जीत दिलाने की अपील
सभा में उपस्थित पीस पार्टी और एकलव्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जनता से अपील की कि वे अपने समाज के नेतृत्व को मजबूत करें और अपने हक के लिए खड़े हों। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मुसलमान, निषाद, दलित और पिछड़ा समाज अपने बीच से ही नेता चुने और पीस पार्टी को भारी मतों से विजयी बनाए।
भाईचारे और एकता का संदेश
सभा के अंत में डॉ. अयूब खान ने कहा कि वे केवल राजनीति करने नहीं, बल्कि एकता और भाईचारे का संदेश लेकर जनता के बीच आए हैं। उन्होंने कहा—
"हमारा उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना है। हमें एकजुट होकर अपनी ताकत को पहचानना होगा और अपने समाज के नेतृत्व को आगे बढ़ाना होगा।"
उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को संगठित होने और अपने हक के लिए लड़ने की शपथ दिलाई।
सभा का समापन "पीस पार्टी जिंदाबाद!" के नारों के साथ हुआ, जिससे पूरा जलालपुर गूंज उठा।
यह सभा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान थी। इस आयोजन ने साफ संकेत दिया कि पीस पार्टी और एकलव्य पार्टी प्रदेश की राजनीति में नया विकल्प बनने की तैयारी कर रही हैं। जलालपुर की इस सभा ने यह संदेश दिया कि अब मुस्लिम, निषाद, दलित और अन्य पिछड़ा समाज अपने हक के लिए संगठित हो रहा है और अपनी राजनीतिक पहचान स्थापित करने के लिए तैयार है।
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